विवेक तिवारी हत्याकांड: पुलिस की थ्योरी गलत, गोली चलाने वाले सिपाही प्रशांत और संदीप पर चलेगा हत्या का केस

उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले साल पुलिस की गोलियों से भून डाले गए एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी केस में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के आरोपी सिपाही संदीप कुमार पर हत्या का केस चलाने का आदेश दिया है.

विवेक तिवारी (Photo Credits: Facebook)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले साल पुलिस की गोलियों से भून डाले गए एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी केस में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के आरोपी सिपाही संदीप कुमार पर हत्या का केस चलाने का आदेश दिया है.

सीजेएम कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करते हुए सिपाही प्रशांत कुमार को हत्या का दोषी बताया गया था जबकि इस मामले में सह आरोपी सिपाही संदीप के खिलाफ केवल मारपीट की धारा में आरोपपत्र दाखिल किया गया था. दोनों ही आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं.

आरोपपत्र में कई साक्ष्यों का हवाला देते हुए प्रशांत को केवल हत्या का दोषी कहा गया था. मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर महानगर, विकास पांडे ने यह आरोपपत्र दाखिल किया था. इससे पहले एसआईटी प्रमुख आईजी लखनऊ सुजीत पांडे ने एडीजी लखनऊ को एसआईटी रिपोर्ट सौंप थी.

एसआईटी जांच के मुताबिक, वारदात के समय विवेक तिवारी की गाड़ी चल रही थी और विवेक की गाड़ी से सिपाही प्रशांत और संदीप की जान खतरे में नहीं थी. इन हालात में, सीधे निशाना लेकर विवेक पर गोली चलाना फायरिंग की ट्रेनिंग के खिलाफ है.

आरोपपत्र में कहा गया था कि एयर बैग खुले होने से साबित हुआ है कि गाड़ी चल रही थी और सीट बेल्ट पर खून के निशान भी मिले हैं. आरोपपत्र रिपोर्ट के अनुसार जिस पिस्टल से गोली मारी गई वह सिपाही प्रशांत कुमार के नाम पर थी.

प्रशांत को मालूम था कि गोली चलाने का अंजाम क्या हो सकता है. फॉरेंसिक सबूतों से यह बात साबित हुई है. चार्जशीट में सिपाही प्रशांत चौधरी के खिलाफ हत्या की धारा लगाते हुए पूरी वारदात का मुख्य आरोपी बताया गया था.

गौरतलब है कि एप्पल एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोमतीनगर में 28 सितंबर की रात गोली मारकर हत्या के आरोप में आरक्षी प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को अगले ही दिन बर्खास्त करके जेल भेजा गया था.

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