वीडियो: ISRO की नई उड़ान! RLV 'पुष्पक' के दूसरे लैंडिंग टेस्ट में मिली सफलता, पृथ्वी की कक्षा से वापस आया रॉकेट
पुष्पक एक दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकने वाला लॉन्च व्हीकल है. इसका मतलब है कि इसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद वापस लाया जा सकता है और फिर से उड़ाया जा सकता है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 'पुष्पक' नामक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) का दूसरा लैंडिंग टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह तकनीक अंतरिक्ष में उपग्रहों को भेजने की लागत को कम करने में मदद करेगी.
पुष्पक क्या है?
पुष्पक एक दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकने वाला लॉन्च व्हीकल है. इसका मतलब है कि इसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद वापस लाया जा सकता है और फिर से उड़ाया जा सकता है. यह पारंपरिक लॉन्च वाहनों से अलग है.
पुष्पक कैसे काम करता है?
पुष्पक दो चरणों में काम करता है. पहले चरण में, रॉकेट बूस्टर इसे पृथ्वी की कक्षा में ले जाता है. दूसरे चरण में, वाहन अपने पंखों का उपयोग करके लैंडिंग करता है.
पुष्पक के लाभ क्या हैं?
पुष्पक के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
कम लागत: पुष्पक का इस्तेमाल करके उपग्रहों को भेजने की लागत पारंपरिक लॉन्च वाहनों की तुलना में बहुत कम होगी.
पर्यावरण के अनुकूल: पुष्पक पारंपरिक लॉन्च वाहनों की तुलना में कम प्रदूषण करता है.
तेज लॉन्च: पुष्पक का इस्तेमाल करके उपग्रहों को जल्दी से लॉन्च किया जा सकता है.
ISRO का लक्ष्य क्या है?
ISRO 2035 तक अंतरिक्ष में एक स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखता है. पुष्पक इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.