देहरादून: जौलीग्रांट एयरपोर्ट अब होगा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर, सीएम त्रिवेंद्र रावत ने दी मंजूरी
जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने पर उत्तराखंड के मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. आगामी विधानसभा में संकल्प पास कराकर हवाई अड्डे का नाम बदलने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार भेजा जाएगा.
देहरादून: जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने पर उत्तराखंड के मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. आगामी विधानसभा में संकल्प पास कराकर हवाई अड्डे का नाम बदलने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार भेजा जाएगा. इसके बाद देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में देहरादून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे का नाम परिवर्तित करके वाजपेयी के नाम पर करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया.
जौलीग्रांट में इस हवाई पट्टी का निर्माण अस्सी के दशक में उद्योगपति बिड़ला के द्वारा तैयार किया गया था. उत्तराखंड राज्य को विकास से जोड़ने में जौलीग्रांट एयरपोर्ट का मुख्य स्थान है. देहरादून को हवाई सेवा से जोड़ने में इस एयरपोर्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
साल 200ओ में राज्य गठन के बाद यहां हवाई सेवाओं का तेजी से विकास हुआ. एयरपोर्ट को विकसित कर यहां से नियमित घरेलू उड़ानें शुरू हुईं. हवाई यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ तो एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया गया.
क्यों चुना गया पूर्व प्रधानमंत्री का नाम
उत्तराखंड राज्य के गठन में राज्य के लोग दिवंगित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को बेहद खास मानते हैं. सरकार द्वारा यह नाम रखने के निर्णय को स्थानीय लोगों और बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा खूब सराहा जा रहा है.
बता दें कि कांग्रेस जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम आदि गुरु शंकराचार्य के नाम पर रखना चाहती थी. कांग्रेस सरकार का तर्क था कि देवभूमि में आदि गुरु शंकराचार्य रहे हैं. उन्होंने ही बदरीधाम की स्थापना की थी. ऐसे में राज्य के सबसे बड़े एयरपोर्ट का नाम शंकराचार्य के नाम पर ही होना चाहिए.