UP पुलिस के लिए ‘क्लीन शेव जरूरी’, DGP ने सिपाही से लेकर IPS तक के लिए जारी किए वर्दी, जूते-बाल और दाढ़ी के नियम
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बिना अनुमति के दाढ़ी रखने वाले दरोगा को सस्पेंड करने के मामले के तूल पकड़ने के बाद डीजीपी (DGP) एच. सी. अवस्थी ने सिपाही से लेकर आईपीएस अधिकारीयों तक के लिए नए निर्देश जारी किये है. हालांकि यूपी पुलिस के लिए पहले से बनाये गए इन नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, केवल दोहराया गया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बिना अनुमति के दाढ़ी रखने वाले दरोगा को सस्पेंड करने के मामले के तूल पकड़ने के बाद डीजीपी (DGP) एच. सी. अवस्थी (HC Awasthi) ने सिपाही से लेकर आईपीएस अधिकारीयों तक के लिए नए निर्देश जारी किये है. हालांकि यूपी पुलिस के लिए पहले से बनाये गए इन नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, केवल दोहराया गया है.
यूपी डीजीपी ने निर्देश में कहा है कि कई बार मीडिया में पुलिस विभाग से संबंधित समाचार और फोटो आदि प्रकाशित हो रहें है जिसमें पुलिस अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी के समय सही वर्दी धारण नहीं कर रहे है. यह उत्तर प्रदेश पुलिस वर्दी विनियम का उल्लंघन है. सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्दी का स्केल / पैटर्न से जुड़े नियम को पूरी तरह से पालन करना अनिवार्य है.
पुलिस अधिकारी और कर्मचारी की वर्दी, टर्न-आउट तथा चुस्त-दुरूस्त दिखने के यह कदम उठाया गया है. इसके मुताबिक
- पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण द्वारा निर्धारित स्वच्छ वर्दी एवं हेड गियर धारण किया जायेगा.
- वर्दी के पैटर्न शू के अतिरिक्त कोई अन्य जूता/चप्पल/सैण्डिल आदि धारण नहीं किये जायेंगे.
- पुलिस अधिकारी/कर्माचरीगण अपने कार्यालय एवं कर्तव्यस्थल पर निर्धारित वर्दी ही धारण करेंगे.
- गलत वर्दी, टोपी, नेम प्लेट, कमीज के बटन खुला रखने तथा निर्धारित जूता, मोजा न पहनने की कुप्रथा को पूर्ण समाप्त किया जाना चाहिए.
निर्देश में कहा गया है कि सिख धर्म के पुलिसकर्मियों को छोड़कर अन्य सभी पुलिस बल के कर्मियों के लिए दाढ़ी क्लीन शेव किया जाना अनिवार्य है. यदि पहले से अनुमति प्रदान की जाती है तो भी दाढ़ी के बाल छोटे और सही तरीके से कटिंग होनी चाहिए. मूछे अपनी व्यक्तिगत इच्छा के अनुसार धारण कर सकते हैं लेकिन वह भी तय नियम के मुताबिक. धार्मिक आधार पर अस्थायी अवधि के लिए दाढ़ी रखने और लंबे बाल उगाने की अनुमति हासिल की जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि बागपत जिले में पूर्वानुमति के बगैर दाढ़ी रखने वाले रमाला थाने के दारोगा इंतसार अली को सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने जब दाढ़ी कटवा ली तो बहाल कर दिए गए. पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने तब बताया था कि दारोगा इंतसार को बिना अनुमति के लंबी दाढ़ी रखने के आरोप लगने पर निलंबित कर पुलिस लाइन भेज गया. उन्होंने बताया कि विभाग में मूंछ रखने के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सिख समुदाय के अलावा अन्य किसी को भी दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है. अधिकारी ने बताया कि एसआई इंतसार अली को दो बार विभागीय अनुमति लेने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. विभागीय नियमों की लगातार अनदेखी करने के कारण यह कार्रवाई की गई है.