दीपावली के दिन सभी धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. ज्यादातर दुकाने और ऑफिस बंद होते हैं. लेकिन दिवाली का त्योहार शेयर बाजार और उसके इनवेस्टर्स के लिए बहुत खास रहता है. उस दिन शेयर मार्केट दिन-भर भले ही बंद रहता है, मगर शाम को एक खास मुहूर्त कुछ समय के लिए ओपन होता है, जिसे ट्रेडिंग मुहूर्त कहा जाता है. आइए जानते हैं क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त और दीपावली पर इसे लेकर क्या है परंपरा.
क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त
दरअसल, दिवाली के दिन शेयर मार्केट में सालों से ट्रेडिंग मुहूर्त का रिवाज चला आ रहा है. शेयर बाजार की परंपरा के मुताबिक दिवाली के दिन सामान्य दिनों की तरह दिन के वक्त ट्रेडिंग नहीं की जाती है, लेकिन शाम को ट्रेडिंग मुहूर्त के लिए स्टॉक एक्सचेंज विशेष रूप से एक घंटे के लिए खोले जाते हैं. दिवाली पर शेयर मार्केट में इनवेस्ट करना बेहद शुभ माना जाता है. ट्रेडिंग मुहूर्त के दिन निवेशक बाजार में ट्रेडिंग कम और निवेश पर ज्यादा फोकस करते हैं. बता दें कि ट्रेडिंग मुहूर्त का चलन BSE में 1957 और NSE में 1992 में शुरू हुआ था. विशेषज्ञ बताते हैं कि ट्रेडिंग मुहूर्त पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है. यह भी पढ़ें : Diwali 2023: जानें, दीपावली पर ‘काली माता’ की पूजा का क्या है रहस्य
वैसे तो दिवाली के दिन शेयर बाजार में भी छुट्टी होती है. अन्य दिनों की तरह सुबह 9.15 बजे से शेयरों की खरीद बिक्री नहीं की जाती है. लेकिन शाम को ट्रेडिंग मुहूर्त के तहत 1 घंटे के लिए शेयरों का न केवल सौदा होता है, बल्कि मूहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान ही शेयर बाजार में की गई सभी बाइंग और सेलिंग का सेटलमेंट भी किया जाता है.