भोपाल, 2 अगस्त : मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात पुलिस जवानों को विशेष भत्ता दिया जाएगा, यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में हुई मंत्रि परिषद की बैठक में लिया गया. आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के नक्सल क्षेत्रों में पदस्थ विशेष आसूचना शाखा (एसआईबी) के पुलिस कर्मियों को मासिक रूप से नक्सल विरोधी विशेष भत्ता तथा विशेष आसूचना शाखा (एसआईबी) में नक्सल क्षेत्र में कार्यरत रहने की अवधि अनुसार आ-सूचना विशेष भत्ता आदेश जारी होने के दिनांक से स्वीकृत किया गया.
इस फैसले के बाद आरक्षक को 19 हजार, प्रधान आरक्षक और सहायक उप निरीक्षक को 25 हजार, उप निरीक्षक को 34 हजार और निरीक्षक को 38 हजार रुपए प्रतिमाह नक्सल विरोधी विशेष भत्ता दिया जायेगा. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एसआईबी हेतु विभिन्न संवर्ग के स्वीकृत 58 पदों में से वर्तमान में पदस्थ 33 शासकीय सेवकों को नक्सल विरोधी विशेष भत्ते के रूप में प्रतिवर्ष 91 लाख 80 हजार रुपये तथा आ-सूचना विशेष भत्ते के रूप में प्रतिवर्ष 13 लाख 8 हजार रुपये इस प्रकार कुल 104 लाख 88 हजार रुपए की राशि देय होगी. इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थ एसआईबी के शासकीय सेवकों का मनोबल बढ़ेगा तथा नक्सलियों की गतिविधियों का सटीक ऑकलन कर बेहतर नक्सल विरोधी ऑपरेशन हो सकेंगे. यह भी पढ़ें : पंचायत चुनाव के फैसले पर अदालत ने पन्ना के जिलाधिकारी से नाखुशी जताई, नोटिस जारी किया
मंत्रि-परिषद ने नक्सल विरोधी अभियान में हॉक फोर्स के पुलिसकर्मियों को पूर्व से स्वीकृत नक्सलाइट ऑपरेशन रिस्क अलाउन्स मासिक रूप से दिये जाने के साथ अतिरिक्त रूप से नक्सल विरोधी विशेष भत्ता तथा हॉक फोर्स में कार्यरत रहने की अवधि अनुसार हॉकफोर्स भत्ता स्वीकृत किया. हॉक फोर्स के पुलिसकर्मियों को हॉक फोर्स भत्ता प्रतिनियुक्ति की अवधि के हिसाब से देय होगा. इसके अनुसार 12 से 24 माह तक का कार्यकाल पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों को एक हजार रुपए प्रतिमाह, 24 से 36 माह तक का कार्यकाल पूरा करने वाले को 2 हजार रुपए प्रतिमाह, 36 से 48 माह तक का कार्यकाल पूरा करने वाले को 3 हजार रुपए प्रति माह और 48 से 60 माह तक का कार्यकाल पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों को 4 हजार रुपए प्रति माह भत्ता दिया जाएगा. अतिरिक्त नक्सल विरोधी विशेष भत्ता पर 18 करोड़ 77 लाख 80 हजार और हॉक फोर्स भत्ते पर 5 करोड़ 35 लाख 89 हजार रुपए इस प्रकार कुल 23 करोड़ 73 लाख 69 हजार रुपए का व्यय भार आयेगा.
इसी तरह मंत्रि-परिषद की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों से जनित आवश्यकताओं के ²ष्टिगत विभागीय नवीन स्थानांतरण नीति को मंजूरी दी गई. नवीन स्थानांतरण नीति सत्र 2023-24 से प्रभावी होगी. सभी संवर्गों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया 31 मार्च से 15 मई के मध्य पूरी कर ली जाएगी. पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा. स्वैच्छिक स्थानांतरण भी ऑनलाइन ही होंगे. रिलीविंग और ज्वाइनिंग की कार्यवाही ऑनलाइन होगी. एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के बाद विशेष परिस्थिति छोड़ कर तीन वर्ष तक स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा. सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई शाला शिक्षक विहीन न हो.
नवीन स्थानांतरण नीति में पहले प्रशासनिक स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी. नवीन नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में कम से कम तीन वर्ष और अपने संपूर्ण सेवाकाल के न्यूनतम 10 वर्ष कार्य करना होगा. दस वर्ष या इससे अधिक अवधि से एक संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा.