शहीद औरंगजेब हत्याकांड: सेना कर रही तीन जवानों से पूछताछ, मुखबिरी का शक- हो सकता है बड़ा खुलासा

आतंकवादियों ने इस साल 14 जून को राष्ट्रीय राइफल्स के औरंगजेब खान को अगवा कर लिया था और उनकी हत्या कर दी थी. औरंगज़ेब के सिर और गर्दन पर गोलियों को निशान मिले थे. गौरतलब है कि आतंकियों ने उनका अपहरण उस कर लिया था

शहीद औरंगजेब (Image credit: ANI/File)

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना (Indian Army) के जवान औरंगजेब (Aurangzeb) की हुई हत्या के मामले में पुलिस ने तीन जवानों को हिरासत में लिया है. खबरों के मुताबिक जिन तीन जवानों से पुलिस पूछताछ कर रही है उन्होंने आतंकियों के लिए मुखबिरी की थी. फिलहाल अभी तक इस मामले को लेकर किसी भी अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है. अगर नजर डालें तो आतंकियों के लिए सेना के जवानों की मुखबिरी का यह अपने आप में ऐसा पहला मामला है.

आतंकवादियों ने इस साल 14 जून को राष्ट्रीय राइफल्स के औरंगजेब खान को अगवा कर लिया था और उनकी हत्या कर दी थी. औरंगज़ेब के सिर और गर्दन पर गोलियों को निशान मिले थे. गौरतलब है कि आतंकियों ने उनका अपहरण उस कर लिया था जब वह ईद की छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे. शहीद औरंगज़ेब 4 जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंटरी की 44 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. औरंगजेब को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित भी किया गया है.

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कैसे हुई थी औरंगजेब की हत्या ?

14 जून, 2018 को जब राइफलमैन औरंगजेब ईद की छुट्टी पर कश्मीर से घर लौट रहे थे. उस समय आतंकवादियों ने पुलवामा के कालम्पोरा से पहले उनका अपहरण कर लिया था और उसके बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. औरंगजेब उसी टीम में शामिल थे, जिसने हिज्बुल कमांडर समीर टाइगर को मार गिराया था. शहीद औरंगजेब का परिवार पुंछ जिले में रहता है. औरंगजेब का शव पुलवामा में कलामपुरा से करीब 10 किलोमीटर दूर मिला था.

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