सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री के प्रतिबंध पर सुनाया बड़ा फैसला, पूरी तरह से नहीं लगेगा बैन- कुछ शर्तें रहेंगी

अदालत ने कहा कि लोग पटाखें 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक जला सकते हैं. अदालत ने कहा कि उन पटाखों को जलाया जा सकता है जिसका पर्यावरण पर कोई दुष्परिणाम न हो. जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने यह फैसला सुनाया.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला ( Photo Credit: PTI )

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं होगी. अदालत ने कहा कि लोग पटाखें 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक जला सकते हैं.  अदालत ने कहा कि उन पटाखों को जलाया जा सकता है जिसका पर्यावरण पर कोई दुष्परिणाम न हो.

इसके साथ ही आदालत ने कहा कि अधिकारीयों को जांच करनी चाहिए कि जो पठाखे बनाए जा रहे हैं उसमें लगने वाला केमिकल खतरनाक तो नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि न्यू ईयर और क्रिसमस पर 11 :55 PM से 12 :15 AM तक पटाखे चला सकेंगे. पटाखों के बिक्री वही करेंगे जिनके पास लाइसेंस हैं.  जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने यह फैसला सुनाया.

बता दें कि इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने 28 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था. अदालत ने याचिकाकर्ताओं, पटाखा निर्माताओं और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. साल 2017 में दिवाली के एक दिन बाद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण 2016 के मुकाबले काफी कम रहा था.

गौरतलब हो कि पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की बेंच ने इस तथ्य पर गौर किया था कि दीवाली के समय वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है. कोर्ट ने कहा था प्रदूषण के असामान्य रूप से उच्च स्तर तक पहुंच जाने के कारण दिल्ली में तकरीबन 20-25 फीसदी बच्चे सांस संबंधित समस्याओं से पीड़ित होते हैं. यह शिशुओं के लिए बेहद खतरनाक है.

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