उत्तर प्रदेश: महिला का गर्भपात होने के बाद खत्म हुआ 'लव जिहाद' का ड्रामा, धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत 2 गिरफ्तार
पति के नए 'लव जिहाद' कानून के तहत गिरफ्तार होने के बाद आश्रय गृह में रह रही मुरादाबाद की 22 वर्षीय युवती का गर्भपात हो गया है. एक निजी लैब द्वारा किए गए अल्ट्रासाउंड टेस्ट से यह पता चला है. इस बीच 13 दिनों तक जेल में रहने के बाद शनिवार को अदालत के आदेश के बाद राशिद और उसके भाई को रिहा कर दिया गया.
मुरादाबाद (उप्र), 20 दिसंबर: पति के नए 'लव जिहाद' कानून के तहत गिरफ्तार होने के बाद आश्रय गृह में रह रही मुरादाबाद (Moradabad) की 22 वर्षीय युवती का गर्भपात हो गया है. एक निजी लैब द्वारा किए गए अल्ट्रासाउंड टेस्ट से यह पता चला है. इसके साथ ही लव जिहाद को लेकर चल रहा ड्रामा भी समाप्त हो गया. इस महीने की शुरूआत में मुरादाबाद में पुलिस ने एक युवक और उसके भाई को नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया था. रशीद (Rashid) नाम का यह युवक उस समय कांठ में रजिस्ट्रार कार्यालय में था, जब उसे बजरंग दल के सदस्यों ने पुलिस को सौंपा था.
युवती का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के आरोपों को साबित करने के लिए पुलिस द्वारा सबूत पेश न किए जाने के चलते शनिवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की एक अदालत ने राशिद और उसके भाई को रिहा कर दिया था. राशिद ने करीब 5 महीने पहले देहरादून (Dehradun) के बिजनौर (Bijnaur) की रहने वाली 22 वर्षीय पिंकी से शादी की थी. दोनों की मुलाकात देहरादून में हुई थी. वहां राशिद काम करता था और लड़की पढ़ाई कर रही थी. रशीद की गिरफ्तारी के बाद पिंकी को एक आश्रय गृह में भेज दिया गया. पिंकी (Pinki) ने आरोप लगाया कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण उसे गर्भपात हो गया. उसने यह भी कहा कि उसे नारी निकेतन में प्रताड़ित किया गया था.
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में कहा गया कि पिंकी का गर्भपात हो गया है और उसके गर्भाशय में संक्रमण है, जिसका इलाज किया जाना चाहिए. पिंकी ने आरोप लगाया था कि संरक्षण गृह के कर्मचारियों ने उसकी बिगड़ती हालत को नजरअंदाज किया और अस्पताल ले जाने पर वहां डॉक्टर ने एक इंजेक्शन दिया, जिससे उसका गर्भपात हो गया. अस्पताल ने आरोपों का सिरे से खंडन किया है.
मुरादाबाद जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निर्मला पाठक (Dr. Nirmala Pathak) ने कहा, "अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट डॉ.आर.पी. मिश्रा ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि भ्रूण दिखाई दे रहा था लेकिन दिल की धड़कन नहीं थी." उन्होंने आगे कहा, "पहले ही अल्ट्रासाउंड के बाद हमें संदेह था क्योंकि बच्चे की दिल की धड़कन नहीं मिली थी. दूसरे परीक्षण के लिए हमने डॉपलर अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया, लेकिन दिल की धड़कन का पता नहीं चल सका."
इस बीच 13 दिनों तक जेल में रहने के बाद शनिवार को अदालत के आदेश के बाद राशिद और उसके भाई को रिहा कर दिया गया. पिंकी को भी ससुराल लौटने की इजाजत दे दी गई है. कांठ पुलिस ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिंकी ने राशिद और उसके भाई सलीम द्वारा जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के आरोपों से इनकार कर दिया था इसलिए हमें कोई सबूत नहीं मिले.