चेन्नई: तमिलनाडु के पोलाची सेक्स स्कैंडल की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू कर दी है. सीबीआई ने इस मामलें में दो केस दर्ज किया है. यौन शोषण के इस हाईप्रोफाइल मामलें ने तमिलनाडु की सियासत में हलचल पैदा कर दी थी, जिसके कारण दबाव में आकर राज्य सरकार को सीबीआई जांच की सिफारिश करनी पड़ गई.
अम्मा मक्काल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के महासचिव टीटीवी दिनाकरन ने गुरुवार को पोलाची यौन उत्पीड़न मामले में जांच में हो रही देरी को लेकर सवाल उठाए थे. एक बयान में दिनाकरन ने कहा था कि अपराध शाखा आपराधिक जांच विभाग (सीबीसीआईडी) से मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने के बाद 40 दिन से अधिक बीत गए हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है.
CBI has registered two cases and started investigation in Pollachi sexual harassment case. Earlier, the case was registered with Tamil Nadu police, now, CBI has taken over the investigation in the case. pic.twitter.com/0MdkQ7Q9lE
— ANI (@ANI) April 27, 2019
उन्होंने कहा था कि यह अस्पष्ट है कि सीबीआई जांच में देरी का बीजेपी और अन्नाद्रमुक के बीच चुनावी गठबंधन से कुछ लेना-देना है या नहीं? दिनाकरन ने कहा था कि राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौन सा संगठन पोलाची मामले की जांच कर रहा है, जांच की मौजूदा स्थिति क्या है और सीबीआई को मामला स्थानांतरित करने में हो रही समस्या के बारे में भी स्पष्ट करना चाहिए.
ऐसे बनाया 50 से ज्यादा लड़कियों को शिकार-
पुलिस के अनुसार गत 12 फरवरी को कोयम्बटूर जिले में पोलाची के निकट एक कार के अंदर चार लोगों ने युवती का कथित रूप से उत्पीड़न करने का प्रयास किया और इस कृत्य का एक वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल किया. गौरतलब है कि पीड़िता का एक वीडियो लीक हुआ था, जिसमें उसकी चीखें सुनी जा सकती हैं और वह हमलावरों का विरोध कर रही है.
यह भी पढ़े- पोलाची सेक्स स्कैंडल: जांच में लापरवाही पर तमिलनाडु सरकार ने तीन पुलिस कर्मियों का किया तबादला
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले महिलाओं को सोशल मीडिया पर दोस्त बनाते थे और उनका विश्वास हासिल करने के बाद वे महिलाओं को तय स्थान पर मिलने के लिए बुलाते थे. जब महिला उनसे मिलने के लिए पहुंचती तो वह उसका शारीरिक शोषण कर वीडियो बना लेते थे. बाद में पीड़िताओं को पैसे या फिर यौन उत्पीड़न के लिए ब्लैकमेल किया जाता था.