लोकसभा चुनाव 2019 में करारी हार के बाद कांग्रेस में हलचल तेज है. एक ओर जहां पार्टी लगातार दो बार आम चुनाव में सूपड़ा साफ होने के बाद अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है तो वहीं पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देने की जिद पर अड़े हैं. पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता राहुल को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी ने साफ कह दिया है कि पार्टी उनका रिप्लेसमेंट जल्द ढूंढ लें. राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि अब वे पार्टी अध्यक्ष के तौर पर नहीं बल्कि एक कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस चार दिनों में वर्किंग कमिटी की मीटिंग बुलाने की तैयारी कर रही है. इस मीटिंग में राहुल गांधी के रिप्लेसमेंट पर विचार किया जाके लिए किन नामों पर चर्चा हो सकती है इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. इससे पहले अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका का नाम सुझाए जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन को इसमें मत खींचिए. कोई नॉन गांधी ढूंढो.
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CWC की मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा था "मैं पार्टी का अध्यक्ष नहीं रहना चाहता. हार की जिम्मेदारी मेरी है, नया अध्यक्ष चुनिए. कृपया प्रियंका गांधी का नाम मत लीजिएगा. गांधी परिवार के बाहर से नया अध्यक्ष चुनिए." 'हमें अपनी लड़ाई को जारी रखना होगा. मैं कांग्रेस का अनुशासित सिपाही हूं और रहूंगा और बिना डरे लड़ता रहूंगा, लेकिन मैं अब पार्टी का अध्यक्ष बनकर नहीं रहना चाहता.'
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अब तक पार्टी के 13 बड़े नेता इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. सबसे पहले महाराष्ट्र में पार्टी के प्रभारी अशोक चव्हाण ने इस्तीफा देने की बात कही थी. यूपी कांग्रेस चीफ राज बब्बर, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. इसके बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, झारखंड कांग्रेस चीफ अजय कुमार और असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने इस्तीफा दिया.