नई दिल्ली : भारत ने कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत(International Court of Justice) के फैसले का बुधवार को स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इसे ‘‘सच्चाई एवं न्याय’’ की जीत करार दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ‘‘ऐतिहासिक निर्णय’’ इस मामले में भारत के रुख को ‘‘पूरी तरह’’ मान्य ठहराता है.
मंत्रालय ने पाकिस्तान से कहा कि वह जाधव को तत्काल राजनयिक पहुंच मुहैया कराने जैसे आईसीजे के निर्देश को लागू करे. आईसीजे ने पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी मौत की सजा की समीक्षा करने और उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान करने के लिए कहा है. आईसीजे के इस फैसले को भारत की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है.
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मंत्रालय ने कहा कि भारत कुलभूषण जाधव की जल्द रिहाई और भारत वापसी के लिए जोर-शोर से काम करना जारी रखेगा. विपक्षी दल कांग्रेस ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि न्याय की जीत हुई है लेकिन उसने साथ ही कहा कि जाधव की सुरक्षा का मामला अब भी चिंता का विषय है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ‘सच्चाई और न्याय’ की जीत हुई है.
मोदी ने ट्वीट किया,‘‘हम आईसीजे के आज के फैसले का स्वागत करते हैं. सच्चाई और न्याय की जीत हुई है. आईसीजे को तथ्यों के गहन अध्ययन पर आधारित फैसले के लिए बधाई.’’
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी फैसले का स्वागत किया. उनके सचिवालय ने ट्वीट किया, ‘‘मैं कुलभूषण जाधव को न्याय दिलाने के लिए सरकार के अथक प्रयासों की सराहना करता हूं और उम्मीद करता हूं कि इस फैसले से उनके परिवार वालों को सांत्वना मिलेगी.’’ गृह मंत्री और भाजपा प्रमुख अमित शाह ने ट्वीट करके आईसीजे के फैसले को सच्चाई की जीत बताया.
उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला सच्चाई की जीत है और मानव सम्मान की रक्षा करता है. यह मोदी सरकार के राजनयिक प्रयासों और सभी भारतीयों की सुरक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता का एक अन्य उदाहरण है. मैं इस मामले में हरीश साल्वे जी के विलक्षण प्रयासों के लिए उन्हें बधाई देता हूं.’’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उन्होंने जाधव के परिवार से बात की और उनके साहस की सराहना की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सत्यमेव जयते.’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत के लिए एक ‘‘बड़ी जीत’’ करार दिया. वहीं, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी फैसले को बड़ी जीत बताया और कहा कि वह तहेदिल से इसका स्वागत करती हैं. सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक पहल के लिए भी बड़ी जीत है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कहा कि इससे एक बार फिर उम्मीद जगी है कि जाधव एक दिन जरूर भारत लौटेंगे. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''मैं आईसीजे के निर्णय का स्वागत करता हूं. पाकिस्तान की जेल की कोठरी में अकेले मौजूद कुलभूषण जाधव और मुश्किल समय का सामना कर रहे उनके परिवार के प्रति मेरी सहानुभूति है.''
उन्होंने कहा, ''यह निर्णय परिवार के लिए राहत एवं खुशी का क्षण लाया है तथा फिर उम्मीद जगी है कि जाधव एक दिन आजाद होंगे और भारत लौटेंगे.'' कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अंतत: न्याय की जीत हुई है और जाधव के परिवार के साथ पूरा देश जश्न मना रहा है.
स्वराज ने इसे एक बड़ी जीत करार दिया. स्वराज ने ट्वीट किया, ‘‘मैं कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले का तहेदिल से स्वागत करती हूं. यह भारत के लिए एक महान जीत है.’’ स्वराज ने उम्मीद जताई कि फैसला जाधव के परिजनों को तसल्ली देगा.
उन्होंने आईसीजे में मामला ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मामले में अत्यंत प्रभावी तथा सफलतापूर्वक ढंग से दलीलें रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे का धन्यवाद व्यक्त किया.
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इसका श्रेय मोदी की मजबूत विदेश नीति और कूटनीति को दिया. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का स्वागत करती है लेकिन उन्होंने जाधव की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की.
तृणमूल कांग्रेस ने भी आईसीजे के इस निर्णय की प्रशंसा की है. भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने इसे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत और जाधव के लिए न्याय सुनिश्चित करने में एक बड़ा कदम करार दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम कुलभूषण जाधव की जल्द रिहाई और भारत वापसी के लिए जोर-शोर से काम करना जारी रखेंगे.
कुमार ने कहा, ‘‘हम कुलभूषण जाधव से संबंधित मामले में द हेग में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत द्वारा भारत के पक्ष में सुनाए गए फैसले का स्वागत करते हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने गौर किया है, अदालत ने निर्देश दिया है कि पाकिस्तान का कर्तव्य है कि वियना समझौते के अनुसार जाधव को उनके अधिकारों के बारे में बिना किसी देरी के अवगत कराए और भारतीय राजनयिक पहुंच प्रदान करे.’’