बिहार में बारिश से फसलों को नुकसान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आकलन का दिया निर्देश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Photo Credits: ANI)

पटना, 21 अक्टूबर: बिहार (Bihar) के विभिन्न जिलों में पिछले तीन-चार दिनों में हुई बारिश के कारण धान की फसलों सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ है. खेतों की लगी सब्जी की फसलें भी प्रभावित हुई हैं. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अधिकारियों को बारिश से हुई फसलों का आकलन करवाने के निर्देश दिए हैं. यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश में किसानों पर आफत बनकर बरसी बारिश, फसलों को हुआ भारी नुकसान

बिहार के विभिन्न जिलों में पिछले चार-पांच दिनों के दौरान जमकर बारिश हुई है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों के मुताबिक बारिश के कारण धान की फसल को नुकसान हुआ है. खेतों में खड़े धान के पौधे तेज हवा और बारिश के कारण खेतों में ही गिर गए हैं. बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो गया है.

भोजपुर जिले में बारिश के कारण आलू की फसल को काफी नुकसान हुआ है. मुजफ्फरपुर, नालंदा, समस्तीपुर में भी सब्जियों की खेती बारिश के कारण प्रभावित हुई है. सब्जियों के खेतों में पानी भर गया है. जो सब्जियां निकलनी भी थी वह भी बारिश के कारण खेतों में ही रह जाएंगी. किसानों कहना है एक बार फिर से आसमान से आफत बरसी.

किसानों का कहना है कि मौसम अनुकूल रहने से इस बार धान की अच्छी पैदावार होने की संभावना थी, लेकिन बिना मौसम हुई बारिश और तेज हवा चलने के कारण विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. अधिकांश खेतों में धान में बालियां आ गई थीं. खेत में धान की फसल गिरने से उसमें दाना नहीं भर सकेगा. बारिश और तेज हवाओं के कारण खेत में खड़ी धान की फसल गिर गई है.

आलू की बुआई कर चुके किसानों के खेतों में पानी भर गया है. बारिश के कारण तिलहन की फसलों की बुआई पिछड़ जाएगी. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो-चार दिनों में हुई बारिश से नुकसान का आकलन करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ हाल में हुई बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की एवं फसल क्षति के संबंध में जानकारी ली. यह भी पढ़ें: सीएम नीतीश कुमार ने कहा, जम्मू कश्मीर में जान-बूझकर बाहरी लोगों को बनाया जा रहा निशाना, जल्द हो एक्शन

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5-6 माह से लगातार बारिश हुई है. राज्य में इस मानसून अवधि के दौरान चार चरणों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर के पहले सभी जगह की रिपोर्ट लेकर हुई फसल क्षति का आकलन किया गया और उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों से कहा, पिछले 2-3 दिनों में भी वर्षा के कारण हुई फसल क्षति का फिर से एक बार आकलन कर लें. कोई भी प्रभावित क्षेत्र छूटे नहीं. सभी गांवों में हुयी फसल क्षति की जानकारी लें. उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से आपदा की स्थिति में लोगों को हर प्रकार से सहायता की जा रही है.