Jharkhand: चंपई सोरेन ने JMM की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, 30 अगस्त को BJP में होंगे शामिल
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से इस्तीफा देते हुए कहा कि वह पार्टी की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से व्यथित होकर यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए हैं.
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से इस्तीफा देते हुए कहा कि वह पार्टी की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से व्यथित होकर यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के हितों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा. सोरेन ने कहा, "आज मैंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. झारखंड के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और आम लोगों के मुद्दों पर मेरा संघर्ष जारी रहेगा." JMM से इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल होंगे.
पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को लिखे पत्र में वरिष्ठ आदिवासी नेता ने कहा कि झामुमो की "वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से व्यथित होकर" उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. चंपई सोरेन ने JMM से इस्तीफा देते समय पार्टी की आलोचना भी की. उन्होंने कहा कि JMM ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया, जबकि बीजेपी ने उन्हें गरिमा के साथ अपनाया है.
पार्टी छोड़ने को विवश हूं: चंपई सोरेन
सोरेन ने संथाल परगना में "बांग्लादेशी घुसपैठ" की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई, जिसे वे आदिवासी पहचान और स्थानीय समाज के लिए खतरा मानते हैं. उन्होंने कहा, "आज संथाल परगना, जो बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पवित्र भूमि है, वहां बांग्लादेशी घुसपैठ एक बड़ी समस्या बन गई है." उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ही एकमात्र पार्टी है जो इन मुद्दों को गंभीरता से ले रही है, जबकि अन्य पार्टियां वोट बैंक की राजनीति में उलझी हुई हैं.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद बने थे सीएम
चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, लेकिन उनके कार्यकाल में राजनीतिक अस्थिरता बनी रही. इसके बाद जुलाई में हेमंत सोरेन ने सत्ता में वापसी की. चंपई सोरेन की नाराजगी JMM से उनके कार्यक्रमों के अचानक रद्द होने और "कड़वे अपमान" के कारण बढ़ गई थी.
सोरेन का इस्तीफा उस समय आया है जब उनके खिलाफ निगरानी के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि चंपई सोरेन पर झारखंड पुलिस द्वारा पिछले पांच महीनों से नजर रखी जा रही थी. सरमा ने कहा कि दो स्पेशल ब्रांच के अधिकारी दिल्ली के एक होटल में सोरेन की निगरानी करते हुए पकड़े गए थे.
इन आरोपों के जवाब में बीजेपी के राज्य अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक हाई कोर्ट के जज द्वारा जांच की मांग की है. मरांडी ने कहा, "दो विशेष शाखा के अधिकारी दिल्ली में गिरफ्तार किए गए हैं और चंपई सोरेन जी को हनी ट्रैप करने की कोशिश का आरोप है. यह एक गंभीर मामला है." उन्होंने इस मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की भी मांग की.