श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों की कड़ी कार्यवाही से जहां एक तरफ आतंकियों की कमर टूट गई है तो वहीं दूसरी ओर दहशतगर्दों के खात्मे से पाकिस्तान भी हताश हो गया है. जिस वहज से पाकिस्तान ने घाटी में हिंसा फैलाने के लिए नया तरीका चुना है. वह अब कश्मीरी युवाओं को बलगराने के लिए सोशल मीडिया को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है.
उत्तरी कमान के जनरल अफसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट रणबीर सिंह के मुताबिक पाकिस्तानी सेना जम्मू कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद की ओर खींचने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकवाद के बुनियादी ढांचे अब भी बने हुए हैं.
लेफ्टिनेंट ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में शांति और स्थायित्व को बिगाड़ने के लिए जनमत को बदलने के लिए चर्चा और विमर्श विकसित करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए चिंता का विषय है. हमारा ध्यान इस पर है.
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मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर में 450 आतंकवादी सक्रिय हैं. गौरतलब हो कि जम्मू और कश्मीर में सेना ने आतंकियों के सफाए के लिए कड़ा अभियान छेड़ रखा है. इसी का नतीजा है कि बारामूला जिला (Baramulla District) आतंक मुक्त बन गया है. एक दौर था जब बारामुला हिज्बुल का गढ़ माना जाता था. लेकिन यहां से आतंक के पैर को उखाड़ के फेंक दिया गया है. सेना के मुताबिक अब यहां पर एक भी आतंकी जिंदा नहीं है.
साल 2018 में जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों के दौरान सुरक्षा बलों को उल्लेखनीय सफलताए मिली. इस दौरान सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाने वाले कई शीर्ष आतंकियों का सफाया किया गया. पिछले साल सुरक्षाबलों ने 250 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था, जबकि करीब 54 को गिरफ्तार किया. इसके साथ चार आतंकियों ने आत्मसमर्पण भी किया.