Padma Awards 2024 List: पद्म पुरस्कार 2024 का ऐलान, लिस्ट में देखिए किस-किस को मिला सम्मान
हर साल कला, साहित्य, विज्ञान, उद्योग, चिकित्सा, सामाजिक सेवा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले व्यक्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया जाता है.
Padma Awards 2024 List: भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, पद्म पुरस्कारों की घोषणा आज गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कर दी गई है. हर साल कला, साहित्य, विज्ञान, उद्योग, चिकित्सा, सामाजिक सेवा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले व्यक्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया जाता है.
पहली महिला महावत पारबती बरुआ, आदिवासी पर्यावरणविद् चामी मुर्मू, मिजोरम की सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. जले हुए पीड़ितों के लिए काम करने वाली प्लास्टिक सर्जन प्रेमा धनराज, अंतरराष्ट्रीय मल्लखंभ कोच उदय विश्वनाथ देशपांडे को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. भारत के पहले सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम शुरू करने वाले यज्दी मानेकशा इटालिया को पद्म श्री से सम्मानित किया गया. भारत रत्न के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान माना जाता है.
17 लोगों को मिलेगा पद्म भूषण पुरस्कार
1. एम फातिमा बीवी (मरणोपरांत) सार्वजनिक मामले केरल
2.होर्मूसजी एन कामा साहित्य एवं शिक्षा - पत्रकारिता - महाराष्ट्र
3.मिथुन चक्रवर्ती - कला - पश्चिम बंगाल
4.सीताराम जिंदल - व्यापार एवं उद्योग- कर्नाटक
5. यंग लियू - व्यापार एवं उद्योग - ताइवान
6.अश्विन बालचंद मेहता - चिकित्सा - महाराष्ट्र
7.सत्यब्रत मुखर्जी (मरणोपरांत) - सार्वजनिक मामले-पश्चिम बंगाल
8.राम नाइक - सार्वजनिक मामले - महाराष्ट्र
9. श्री तेजस मधुसूदन पटेल - चिकित्सा-गुजरात
10.ओलानचेरी राजगोपाल-सार्वजनिक मामले-केरल
11.श्री दत्तात्रय अंबादास मयालू उर्फ राजदत्त-कला-महाराष्ट्र
12. तोगदान रिनपोछे (मरणोपरांत) - अध्यात्मवाद- लद्दाख
13.प्यारेलाल शर्मा-कला-महाराष्ट्र
14.चन्द्रेश्वर प्रसाद ठाकुर-चिकित्सा-बिहार
15. उषा उथुप - कला - पश्चिम बंगाल
16.विजयकांत (मरणोपरांत) - कला -तमिलनाडु
17.कुंदन व्यास साहित्य एवं शिक्षा-पत्रकारिता महाराष्ट्र
- पारबती बरुआ: भारत की पहली मादा हाथी महावत, जिन्होंने पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपने लिए जगह बनाने के लिए रूढ़िवादिता पर काबू पाया
- जागेश्वर यादव: जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जिन्होंने हाशिए पर रहने वाले बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
- चामी मुर्मू: सरायकेला खरसावां से आदिवासी पर्यावरणविद् और महिला सशक्तिकरण चैंपियन
- गुरविंदर सिंह: सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता जिन्होंने बेघरों, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई के लिए काम किया.
- सत्यनारायण बेलेरी: कासरगोड के चावल किसान, जो 650 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों को संरक्षित करके धान की फसल के संरक्षक माने जाते हैं.
- संगथंकिमा: आइजोल के सामाजिक कार्यकर्ता जो मिजोरम का सबसे बड़ा अनाथालय 'थुतक नुनपुइटु टीम' चला रहे हैं.
- हेमचंद मांझी: नारायणपुर के एक पारंपरिक औषधीय चिकित्सक, जो 5 दशकों से अधिक समय से ग्रामीणों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं, उन्होंने 15 साल की उम्र से जरूरतमंदों की सेवा करना शुरू कर दिया था.
- दुखु माझी: पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद्.
- के चेल्लाम्मल: दक्षिण अंडमान के जैविक किसान ने सफलतापूर्वक 10 एकड़ का जैविक फार्म विकसित किया.
पद्म पुरस्कारों की घोषणा केवल व्यक्तिगत सम्मान ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है. यह उन सभी को प्रोत्साहित करती है जो समाज के लिए कुछ सार्थक करना चाहते हैं. यह दिखाती है कि चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, आपका योगदान कितना भी छोटा हो, राष्ट्र उसे पहचानता है और उसका सम्मान करता है.