Amazon और Flipkart पर लगी यह पाबंदी, अब नहीं लगेगा ऑनलाइन महासेल?

ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के लिए बुरी खबर है. दरअसल केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स वेबसाईटों के लिए नियम और भी कड़े कर दिए है. जिसका असर सीधा आपकी जेब पर पड़ सकता है. सरकार ने बुधवार को अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियों से जुड़े नियम में बड़े बदलाव किए.

ऑनलाइन शॉपिंग (Photo Credit: Pixabay)

नई दिल्ली: ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) करने वालों के लिए बुरी खबर है. दरअसल केंद्र सरकार ने प्राइस वॉर को रोकने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाईटों के लिए नियम और भी कड़े कर दिए है. जिसका असर सीधा आपकी जेब पर पड़ सकता है. सरकार ने बुधवार को अमेजन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियों से जुड़े नियम में बड़े बदलाव किए. इसके तहत ई-कॉमर्स वेबसाईटों पर अब उन कंपनियों के प्रोडक्ट्स नहीं बिकेंगे, जिसमें उनकी हिस्सेदारी होगी. परिणाम स्वरुप महासेल के नाम पर भारी डिस्काउंट नहीं मिल सकेगी.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अधिकारिक बयान में कहा कि ई-कॉमर्स में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में किए गए संशोधन से ऑनलाइन रिटेल कंपनियां (ई-मार्केटप्लेस) अपने प्लेटफार्म पर किसी भी कंपनी के उत्पाद एक्सक्लूसिव रूप से नहीं बेच सकेंगी. हालांकि यह नियम 1 फरवरी 2019 से लागू होंगे.

ऑफलाइन रिटेलरों-कारोबारियों को होगा फायदा-

केंद्र सरकार ने यह कदम भारतीय रिटेलरों और कारोबारियों की शिकायत के बाद उठाया है. दरअसल ऑफलाइन व्यवसाय करने वाले व्यापारियों का आरोप है कि ऑनलाइन रिटेलर भारी छूट दे रहे हैं, जिससे उनका कारोबार चौपट हो रहा है और भारी नुकसान सहना पड़ रहा है.

आपको बता दें कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी होलसेल इकाइयों या समूह की दूसरी कंपनियों से बड़ा स्टॉक एक साथ खरीदते है. यह लेनदेन वह उन चुनिंदा कंपनियों से करते है जो अपना प्रोडक्ट खुले बाजार में नहीं बेचती. इसके साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियां एक खास एग्रीमेंट भी करती है जिससे प्रोडक्ट बाजार में कंट्रोल किया जा सके.

एफडीआई नीति की समीक्षा करते हुए मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन रिटेल कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकती है और उन्हें अपने प्लेटफार्म पर लेबल प्लेइंग फील्ड (हर किसी को उचित मौका देना) बरकरार रखना होगा.

कैशबैक पर लगेगी लगाम-

बयान में कहा कि इन सेवाओं में फुलफिलमेंट, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग, विज्ञापन, विपणन, भुगतान और वित्त पोषण समेत अन्य शामिल है. समूह द्वारा खरीदारों को दिए जाने वाले कैशबैक उचित और भेदभावपूर्ण नहीं होने चाहिए.

RBI को देना पड़ेगा रिपोर्ट-

इसके अलावा ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को हर साल 30 सितंबर तक भारतीय रिजर्व बैंक को वैधानिक लेखा परीक्षक की रिपोर्ट के साथ पिछले वित्त वर्ष में दिशा निर्देशों के पालन करने की पुष्टि करनेवाले प्रमाण पत्र को दाखिल करना होगा.

महज 5 दिन में 15000 करोड़ रुपये की कमाई-

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अक्टूबर महीने में आयोजित महासेल में बंपर कमाई की. RedSeer कंसल्टिंग ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया कि इस साल 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच लगे महासेल में दोनों कंपनियों ने कुल 15000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. जो कि पिछले साल के मुकबाले 64 प्रतिशत ज्यादा है.

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