Nirbhaya Gangrape Case: अपराध के समय दोषी पवन नाबलिग था या नहीं? SC में सुनवाई आज
दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. पवन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन (एसएलपी) याचिका दाखिल करके कहा है कि अपराध के समय वह नाबालिग था.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में चार दोषियों में से एक दोषी पवन की स्पेशल लीव पीटिशन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज सोमवार को सुनवाई करेगा. दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. पवन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन (एसएलपी) याचिका दाखिल करके कहा है कि अपराध के समय वह नाबालिग था. दोषी के वकील एपी सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. वकील ने बताया, कि क्राइम के वक्त वह जुवेनाइल था.
हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में दावा किया गया था कि पवन के स्कूल प्रमाण-पत्र में उसकी जन्मतिथि आठ अक्टूबर 1996 है. दोषी पवन की इस याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट खारिज कर चुका है.
पवन ने इससे पहले निचली अदालत में भी अपने नाबालिग होने के दावे संबंधी याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था. दोषी पवन के वकील ने इससे पूर्व अपीलों में भी सुप्रीम कोर्ट में यह बात उठाई. जिन्हें कोर्ट खारिज कर चुका हैं. वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.
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SC में सुनवाई आज-
गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने की तारीख तय की थी, लेकिन इसके बाद दोषी मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति से दया याचिका की थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया है. चारों दोषियों को अब 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा.
साल 2012 का मामला
निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. इस घटना को सात साल पूरे हो चुके हैं. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.