Corona Devi Mandir: महाराष्ट्र के सोलापुर में हुई कोरोना देवी मंदिर की स्थापना

महाराष्ट्र में कोरोना संकट के बीच सोलापुर के बार्सी में रहने वाले पारधी समाज के लोगों ने कोरोना देवी मंदिर बनाने का फैसला किया और उन्होंने कोरोना देवी मंदिर की स्थापना की है. इस मंदिर में मौजूद महिला का कहना है कि कोरोना एक देवी हैं और उन्हें उनका मान न मिलने के कारण ही कोरोना का प्रकोप हुआ है. ऐसे में इस प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए कोरोना देवी को प्रसन्न करना अनिवार्य है.

कोरोना देवी मंदिर (Photo Credits: Youtube Screengrab)

Corona Devi Mandir: देश में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Maharashtra) के प्रकोप के चलते तमाम मंदिरों को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे सभी मंदिर कोविड-19 हेल्थ प्रोटोकॉल (COVID-19 Health Protocol) के मुताबिक भक्तों के लिए खोले जा रहे हैं. महाराष्ट्र (Maharshtra) देश का सबसे अधिक कोरोना प्रभावित राज्य है और राज्य में मंदिरों को खोलने के लिए लोगों ने आंदोलन भी किए. इस बीच खबर है कि मंदिरों के बंद होने के कारण सोलापुर के बार्सी में रहने वाले पारधी समाज के लोगों ने कोरोना देवी मंदिर बनाने का फैसला किया और उन्होंने कोरोना देवी मंदिर (Corona Devi Temple) की स्थापना की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बार्शी (Barshi) में पारधी (Pardhi) समाज के लोगों ने कोरोना देवी मंदिर की स्थापना की है. इस मंदिर में की स्थापना करने वाली महिला का कहना है कि कोरोना एक देवी हैं और उन्हें उनका मान न मिलने के कारण ही कोरोना का प्रकोप हुआ है. ऐसे में इस प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए कोरोना देवी को प्रसन्न करना अनिवार्य है.

बताया जा रहा है कि कोरोना देवी मंदिर में मुर्गियों और बकरों की बलि देकर पूजा की जाती है. सोलापुर स्थित कोरोना देवी का यह मंदिर भव्य नहीं बल्कि बहुत ही साधारण से स्वरुप में है. माना जा रहा है कि इस महिला ने कुछ पत्थरों को लाकर यहां कोरोना देवी के रूप में स्थापना की है, जिसे देवी मानकर लोग पूजा कर रहे हैं. यहां आनेवाले लोग मुर्गियों और बकरों की बलि अर्पित करके कोरोना देवी को प्रसन्न करने की कोशिश कर रहे हैं और उनसे इस प्रकोप को दूर करने की प्रार्थना कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि कोरोना देवी मंदिर की स्थापना करने वाली महिला का कहना है कि हमारी गलतियों के कारण ही यह महामारी फैली है. इसके साथ ही महिला कहती है कि कोई कुछ भी कहे हम अपनी पूजा करते रहेंगे. बहरहाल, भले ही इस मंदिर का निर्माण कोरोना के प्रकोप से मुक्ति पाने के मकसद से की गई हो, लेकिन अंधश्रद्धा का यह रास्ता इस महामारी से लड़ने का क्या सही तरीका है?

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