Madhya Pradesh: भोपाल में होगा भारत केंद्रित शिक्षा व्यवस्था पर मंथन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो 'सार्थक एजुविजन 2021' का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश के उत्कृष्ट संस्थानों से अकादमिक और विशेषज्ञ इकट्ठे होकर भारत केंद्रित शिक्षा व्यवस्था के लिए मंथन करेंगे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Photo Credits: ANI)

भोपाल, 14 मार्च : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो 'सार्थक एजुविजन 2021' (Sarthak Education 2021) का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश के उत्कृष्ट संस्थानों से अकादमिक और विशेषज्ञ इकट्ठे होकर भारत केंद्रित शिक्षा व्यवस्था के लिए मंथन करेंगे. इस नेशनल एक्सपो में देश की प्रतिष्ठित संस्थाएं और संगठन भी प्रदर्शनी के माध्यम से अपने कार्यों और सफलताओं को साझा करेंगे. भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख आनंद अग्रवाल ने बताया है कि प्रशासन अकादमी स्थित स्वर्ण जयंती सभागार में 14 मार्च की शाम को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) नेशनल एक्सपो का उद्घाटन करेंगे. समापन कार्यक्रम में देश के केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल उपस्थित रहेंगे.

कई केंद्रीय मंत्री भी इस दौरान कॉन्फ्रेंस को ऑनलाइन संबोधित करेंगे. इस आयोजन को नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी एवं प्रो. मोहम्मद युनुस भी संबोधित करेंगे. बताया गया कि देशभर से लगभग 200 कुलपति, अकादमिक तथा शिक्षा विशेषज्ञ, इसरो, डीआरडीओ, भाभा एटोमिक रिसर्च समेत कई उत्कृष्ट संस्थाओं के प्रतिनिधि भी आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने की दिशा में शिक्षा के इस महाकुंभ 'सार्थक एजुविजन 2021' में शामिल होंगे. यह भी पढ़ें : Ministry of Civil Aviation: सरकार ने ‘उड़ान’ के तहत 392 हवाई मार्गों के लिए बोलियां मांगीं

भारतीय शिक्षण मंडल, मध्यप्रदेश शासन, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, यूजीसी तथा एआईसीटीई के संयुक्त आयोजन में यह नेशनल एक्सपो 15 से 17 मार्च तक चलेगा. इस महा आयोजन में आत्मनिर्भर भारत के लिए विशेष संकल्प के साथ चिंतन और मनन होगा. आयोजन में प्रदर्शनी के माध्यम से भारत के उल्लेखनीय और उत्कृष्ठ शिक्षा संस्थान अपनी उपलब्धियों को देश के समक्ष रखेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में शिक्षा व्यवस्था में भारतीयता को लाना, इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य ध्येय है.

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