Karnataka Election Result 2023: सत्ता विरोधी लहर पर सवार कांग्रेस को मिला स्पष्ट बहुमत, बीजेपी 64 सीटों पर सिमटती दिख रही
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस ने शनिवार को स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया. अब तक परिणामों के मुताबिक वह 224 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है जबकि 22 सीटों पर वह बढ़त बनाए हुए है.
बेंगलुरु/नयी दिल्ली, 13 मई: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस ने शनिवार को स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया. अब तक परिणामों के मुताबिक वह 224 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है जबकि 22 सीटों पर वह बढ़त बनाए हुए है. बढ़त वाली सीटों को भी वह जीत लेती है तो वह 136 के आंकड़ें तक पहुंच सकती है. वर्ष 1989 के विधानसभा चुनाव के बाद यह कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत होगी. कांग्रेस की जीत पर प्रियंका गांधी बोली- जनता ने संदेश दिया है कि अब डायवर्सन की राजनीति नहीं चलेगी.
भाजपा ने अभी तक 52 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 12 सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे हैं. इस प्रकार वह 64 सीटों पर सिमटती दिख रही है. जनता दल (सेक्युलर) 20 सीटें जीतने की ओर अग्रसर है.
इसके साथ ही कर्नाटक में कांग्रेस ने 10 साल बाद अपने दम पर सत्ता में वापसी करते हुए को भाजपा को उसके कब्जे वाली एकमात्र दक्षिणी राज्य से बाहर कर दिया. मतदाताओं ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले चुनावी पुनरुत्थान की कोशिशों में लगीं देश की सबसे पुरानी पार्टी का निर्णायक समर्थन किया है. पिछले साल दिसंबर में हिमाचल प्रदेश के बाद भाजपा की यह दूसरी हार है.
राज्य में 10 मई को मतदान हुआ था और अधिकांश एक्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई थी. नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित सभी के काफी प्रयासों के बावजूद भाजपा इस चुनाव में अपनी छाप नहीं छोड़ सकी.
बोम्मई ने कहा कि भाजपा ‘‘प्रधानमंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं समेत सभी के प्रयासों के बावजूद’’ इस चुनाव में अपनी छाप छोड़ने में विफल रही है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एक-एक सीट पर कल्याण राज्य प्रगति पक्ष तथा सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के, जबकि दो सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है.
इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पाटियों के लिए ‘अग्नि परीक्षा’ के रूप में देखा जा रहा था. इस अहम दक्षिणी राज्य में रुझानों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता देख बेंगलुरु और दिल्ली में कांग्रेस के मुख्यालय में कार्यकर्ताओं और नेताओं की ओर से शुरुआती जश्न मनाया गया. इन रुझानों के आने के साथ ही एक बार फिर कर्नाटक में सत्तारूढ़ पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं होने का 38 साल पुराना मिथक कायम रहने की उम्मीद है, जबकि दक्षिण भारत के एकमात्र राज्य से भाजपा सत्ता से बेदखल होती नजर आ रही है.
कांग्रेस ने 1989 के विधानसभा चुनाव में 178 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव के नतीजों के बाद लिंगायत नेता वीरेंद्र पाटिल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि अगले चुनाव में कांग्रेस 34 सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद 1999 के चुनाव में कांग्रेस ने 132 सीटें और 2013 के चुनाव में 122 सीटें जीती थी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को ‘जनता जनार्दन’ की जीत करार देते हुए कहा कि लोगों ने भाजपा के खराब प्रशासन और कांग्रेस की पांच गारंटी के पक्ष में वोट किया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायकों से आज शाम तक बेंगलुरु पहुंचने के लिए कहा गया है, ताकि सरकार की गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके. खरगे ने बेंगलुरू में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने सभी (नवनिर्वाचित विधायकों) को संदेश भेजा है कि वो आज शाम तक यहां पहुंचें. वे शाम तक यहां आएंगे. इसके बाद आलाकमान पर्यवेक्षक भेजेगा और फिर सरकार गठन की प्रक्रिया होगी.’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के जीत की ओर बढ़ने पर प्रदेश की जनता और अपने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि दक्षिण भारत के इस राज्य में ‘नफरत का बाजार’ बंद हो गया है तथा ‘मोहब्बत की दुकानें’ खुली हैं.
उन्होंने यह दावा भी किया कि कर्नाटक की गरीब जनता की ‘शक्ति’ ने साठगांठ वाले पूंजीवादियों की ‘ताकत’ को हरा दिया है. राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहले मैं कर्नाटक की जनता, कर्नाटक में कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं तथा वहां काम करने वाले सभी नेताओं को बधाई देता हूं.’’
चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों ने बजरंग दल, ‘बजरंग बली’, भ्रष्टाचार और राज्य सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को समाप्त करने और हिजाब जैसे मुद्दों को उठाया.
चुनाव रुझानों में भाजपा की स्पष्ट हार नजर आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस चुनाव में अपनी छाप छोड़ने में विफल रही है.
बोम्मई ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित सभी के काफी प्रयासों के बावजूद हम अपनी छाप नहीं छोड़ पाए हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘परिणाम आने के बाद हम विस्तृत विश्लेषण करेंगे. हम इन नतीजों को गंभीरता से लेंगे और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी को पुनर्गठित करने की कोशिश करेंगे.’’
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कहा कि कर्नाटक चुनाव का यह परिणाम 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी 2024 में देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित नजर आने के बाद शनिवार को भावुक हो गए और प्रदेश का नेतृत्व करने के लिए उनमें विश्वास जताने के लिए गांधी परिवार का आभार जताया.
शिवकुमार कांग्रेस के प्रदर्शन के बारे में बात कर रहे थे, तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए.
शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान को बताया था कि वह कर्नाटक में पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे.
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, ‘‘मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस जीत का श्रेय देता हूं. लोगों ने हममें विश्वास जताया और नेताओं ने हमारा समर्थन किया. यह सामूहिक नेतृत्व है और हमने मिलकर काम किया.’’
शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से कहा था कि हम कर्नाटक जीतकर देंगे. मैं भूल नहीं सकता कि जब भाजपा ने मुझे जेल में डाला था, तो सोनिया गांधी मुझसे मिलने आई थीं. गांधी परिवार, कांग्रेस और पूरे देश ने यह विश्वास मुझमें जताया था.’’
चुनाव से महीनों पहले बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यह ‘‘40 प्रतिशत कमीशन’’ वाली सरकार है. भाजपा के वरिष्ठ नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव के इन परिणामों से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम पार्टी की हार के बारे में आत्ममंथन करेंगे और आने वाले दिनों में जिम्मेदार विपक्ष के रूप में काम करेंगे.’’
चुनाव में संभावित जीत के मद्देनजर पार्टी प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा ने बहुत अंतर पैदा किया है.’’ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में लगभग 3,000 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा पार्टी के लिए संजीवनी थी. इसने संगठन को ऊर्जा दी और नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एकजुटता की भावना पैदा की.’’
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