Indian Railways Platform Ticket Price Hike: देश के कई जगहों पर प्लेटफार्म टिकट के दाम में बड़ा इजाफा किया गया है. रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ जगह प्लेटफार्म टिकट के दाम बढ़ाए गए हैं. यह कदम त्योहारों के समय भीड़ पर काबू करने के लिए उठाया गया है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम हो सके. यह कुछ दिनों के लिए ही है. रेलवे की ‘रोल आन- रोल आफ’ सेवा को लेकर 10 कंपनियों ने दिखाई रुचि
रेल मंत्रालय ने एक अधिकारिक बयान जारी कर कहा प्लेटफॉर्म टिकट के दाम में वृद्धि के बारे में मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स आई हैं. प्लेटफ़ॉर्म टिकट के दाम में वृद्धि एक अस्थायी उपाय है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए और स्टेशनों पर भीड़-भाड़ को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा शुरू की गई एक क्षेत्र गतिविधि है. स्टेशन पर जाने के लिए अधिक व्यक्तियों का पता लगाने, जमीनी हालात का आकलन करने के बाद समय-समय पर प्लेटफॉर्म टिकट शुल्क में वृद्धि की जाती है. यह कई वर्षों से प्रचलन में है और इसे कभी-कभी अल्प अवधि के लिये भीड़ नियंत्रण उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है. इसके बारे में कुछ भी नया नहीं है.
कुछ राज्यों में कोविड के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेलवे प्लेटफार्मों पर अनावश्यक भीड़ बढाने से रोकने के लिये लोगों को हतोत्साहित कर रहा है. महामारी की स्थिति के दौरान प्लेटफार्मों पर भीड़ को रोकने के लिये यह उपाय आवश्यक है. यह उपाय केवल सार्वजनिक हित में है.
मार्च 2020 में रेलवे के कई डिवीजनों ने भीड़ को रोकने के लिए विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में वृद्धि की गई थी. बाद में, यह कुछ समय के लिए उदाहरण के लिये सेंट्रल ज़ोन, ईसीआर में इस आदेश को रद्द कर दिया गया था. छठ, दीपावली या मेला आदि जैसे त्योहारों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत अस्थायी रूप से बढ़ जाती है और बाद में यह मूल्य वृद्धि वापस ले ली जाती है.
बयान के मुताबिक स्टेशनों पर भीड़ का नियमन और नियंत्रण क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक-डीआरएम की जिम्मेदारी है. विशिष्ट आवश्यकताओं जैसे कि मेला, रैली आदि के दौरान प्लेटफार्मों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म टिकट बढ़ाने के लिए 2015 से डीआरएम को शक्तियां दी गई हैं. प्लेटफ़ॉर्म टिकट के प्रभार बदलने की शक्ति क्षेत्रीय प्रबंधन की आवश्यकता के कारण डीआरएम को सौंपी गई है.