Maharashtra: शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल होंगे संजय निरुपम, कहा- ये घर वापसी जैसा
कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने शुक्रवार को शिवसेना में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा कर दी है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने शुक्रवार को शिवसेना में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा कर दी है. शिवसेना से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले संजय निरुपम की दो दशक के बाद फिर से ‘घर वापसी’ होगी. कांग्रेस द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद वह महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-नीत शिवसेना में शामिल होने जा रहे हैं. Read Also: सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत कल्याण से लड़ेंगे चुनाव, ठाणे से नरेश म्हस्के को मिला टिकट.
पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम का कहना है, "मैंने आज शिव सेना में शामिल होने का फैसला लिया है. 20 साल बाद शिव सेना में शामिल होना 'घर वापसी' जैसा है. मैं सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होऊंगा... आप जानते हैं कि आज कांग्रेस में क्या स्थिति है.”
राजनीतिक सफ़र
मूल रूप से बिहार के निवासी निरुपम 1990 के दशक में पत्रकारिता के रास्ते राजनीति में आए. वह मुंबई से प्रकाशित अविभाजित शिवसेना के हिंदी मुखपत्र ‘दोपहर का सामना’ के संपादक बने. उनके कार्य से प्रभावित तत्कालीन शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने उन्हें 1996 में राज्यसभा भेजा.
निरुपम शिवसेना के मुखर नेता के रूप में उभरे. शिवसेना उस वक्त मुंबई में बसे उत्तर भारतीय मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही थी. हालांकि निरुपम को उस वक्त झटका लगा जब शिवसेना ने 2005 में उनसे राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने को कहा. शिवसेना से मतभेद होने पर अंतत: 2005 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और उसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए.
2005 में थामा कांग्रेस का हाथ
संजय निरुपम 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया था. वह 2009 के लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता राम नाइक को मामूली अंतर से हराकर सांसद निर्वाचित हुए. हालांकि, 2014 में उन्हें उसी निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के गोपाल शेट्टी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस में 19 साल तक रहने के दौरान उन्होंने कई पदों पर काम किया जिनमें से मुंबई इकाई के प्रमुख पद की जिम्मेदारी भी शामिल थी.
कांग्रेस ने पिछले महीने ‘‘अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों’’ के चलते छह साल के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. निष्कासन से कुछ दिन पहले ही निरुपम ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर फैसला करने के लिए पार्टी को ‘‘एक सप्ताह का अल्टीमेटम’’ दिया था.
कांग्रेस से क्यों नाराज थे संजय निरुपम?
शिवसेना उद्धव गुट ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से अमोल कीर्तिकर को मैदान में उतार दिया है जबकि इस सीट से खुद संजय निरुपम चुनाव लड़ना चाहते थे. इसके बाद संजय निरुपम ने अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सवालों के कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कांग्रेस पर महाविकास अघाड़ी सरकार के समक्ष नतमस्तक होने का आरोप लगाया था. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने संजय निरुपम को तत्काल प्रभाव से 6 सालों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था.