
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने CUET UG 2025 के नतीजे जारी कर दिए हैं. इस बार 13 लाख से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने ये एग्जाम दिया था. आप अपना स्कोरकार्ड CUET की ऑफिशियल वेबसाइट cuet.nta.nic.in पर जाकर देख सकते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU), जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) जैसे कई बड़े सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ में अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन CUET UG के स्कोर के आधार पर ही मिलता है.
अब सवाल ये है कि कितने नंबर लाने पर स्टूडेंट्स पास होंगे और जिनके नंबर कम आए हैं, उनके लिए क्या ऑप्शन हैं. आइए, इन सब बातों को आसान भाषा में समझते हैं.
CUET UG में कुल कितने नंबर का पेपर था.
NTA की CUET UG 2025 इन्फॉर्मेशन बुलेटिन के हिसाब से, हर सब्जेक्ट के लिए अधिकतम नंबर 250 थे. लेकिन, आपके कुल नंबर इस बात पर डिपेंड करते हैं कि आपने CUET UG का फॉर्म भरते समय कितने सब्जेक्ट चुने थे. इस साल स्टूडेंट्स को ज़्यादा से ज़्यादा 5 सब्जेक्ट चुनने की इजाज़त थी. इसका मतलब है कि CUET का कुल अधिकतम स्कोर 1250 नंबर का था.
CUET UG 2025: पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए
CUET UG में पास होने के लिए 200 से 240 नंबर को एक अच्छा स्कोर माना जा रहा है. अगर बात करें कैटेगरी के हिसाब से, तो जनरल कैटेगरी के लिए 50% नंबर पासिंग मार्क्स हो सकते हैं, वहीं SC, ST और दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए ये 45% रह सकते हैं.
हर सही जवाब के लिए आपको 5 नंबर मिलते हैं और हर गलत जवाब के लिए 1 नंबर काट लिया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी स्टूडेंट के 780 से 800 के बीच नंबर आते हैं, तो उसे बहुत अच्छा स्कोर माना जाता है.
हालांकि, CUET एग्जाम में कोई फिक्स "पास" या "फेल" का कॉन्सेप्ट नहीं होता है. एडमिशन के लिए परसेंटाइल के आधार पर मेरिट लिस्ट बनती है. और हर यूनिवर्सिटी अपने हिसाब से कट-ऑफ मार्क्स जारी करती है. यानी, किसी यूनिवर्सिटी में कम नंबर पर भी एडमिशन मिल सकता है, तो किसी में ज़्यादा नंबर चाहिए होते हैं.
CUET UG 2025: कम नंबर आए तो क्या करें
अगर आपके CUET UG में नंबर कम आए हैं, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है. एडमिशन के लिए आपके पास कई और ऑप्शन हैं:
- स्टेट यूनिवर्सिटीज़ और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़: आप राज्य विश्वविद्यालयों (State Universities), निजी विश्वविद्यालयों (Private Universities) और डीम्ड यूनिवर्सिटीज़ (Deemed Universities) में भी एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इनमें से कई यूनिवर्सिटीज़ CUET के अलावा अपने खुद के एडमिशन क्राइटेरिया भी रखती हैं या CUET के कम स्कोर पर भी एडमिशन देती हैं.
- कुछ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़: कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central Universities) भी हो सकते हैं जहां कट-ऑफ कम जाए, इसलिए उनकी वेबसाइट्स पर भी नज़र रखें.
- ओपन काउंसलिंग और स्पॉट राउंड: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) सहित कई सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ ओपन काउंसलिंग और स्पॉट राउंड का भी आयोजन करती हैं. इन राउंड्स में अगर सीटें खाली रह जाती हैं, तो कम नंबर वाले स्टूडेंट्स को भी एडमिशन का मौका मिल सकता है. इसलिए, इन पर नज़र बनाए रखें और जब भी ये शुरू हों, अप्लाई ज़रूर करें.
याद रखिए, कम नंबर आने का मतलब ये नहीं कि आपके सारे रास्ते बंद हो गए हैं. बस आपको थोड़ी और मेहनत करके सही जानकारी ढूंढनी होगी और सही जगह अप्लाई करना होगा. शुभकामनाएँ!