बिहार बोर्ड फिर विवादों में, रिजल्ट के एक हफ्ते बाद 12वीं की नई टॉपर बनी सोनी कुमारी
बिहार बोर्ड एक बार फिर से सवालों से घिर गया है. दरअसल परिणाम घोषित के लगभग एक हफ्ते बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बारहवीं में टॉप आनेवाले छात्रों की लिस्ट में बदलाव कर रहा है. बोर्ड के मुताबिक फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल नहीं होने के कारण सोनी कुमारी का रिजल्ट रोका गया था.
पटना: बिहार बोर्ड एक बार फिर से सवालों से घिर गया है. दरअसल परिणाम घोषित के लगभग एक हफ्ते बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बारहवीं में टॉप आनेवाले छात्रों की लिस्ट में बदलाव कर रहा है. बोर्ड के मुताबिक फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल नहीं होने के कारण बख्तियारपुर की छात्रा सोनी कुमारी का रिजल्ट रोका गया था. लेकिन जब सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद परिणाम आया तो वह पटना जिला में साइंस स्ट्रीम में सबसे ज्यादा नंबर पानेवाली छात्रा बन गई.
रिजल्ट में सोनी को 500 में 413 अंक मिले हैं और वह सभी स्ट्रीम के टॉपर्स की लिस्ट में छठे स्थान पर है. इसलिए अब बारहवी के टॉप-10 विद्यार्थियों की सूची में भी बदलाव करना पड़ रहा है. इसके पहले 411 अंकों के साथ पटना के मुस्तफा रजा पटना जिलें से अव्वल आए थे.
ज्ञात हो कि पिछले दो सालों से बिहार में टॉपरों को लेकर बड़े घोटाले सामने आए है. पिछले साल आर्ट्स विषय में टॉपर गणेश कुमार की मीडिया से बातचीत के दौरान पोल खुल गई थी. जांच में खुलासा हुआ था कि उसने नाम बदल कर परीक्षा दी.
वहीं वर्ष 2016 में हाजीपुर की रहने वाली रूबी राय ने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप किया था. लेकिन उसे अपने विषय के नाम तक ठीक से याद नहीं थे. विवाद होने के बाद बिहार बोर्ड ने रूबी का रिव्यू टेस्ट लिया, जिसके बाद साबित हो गया था कि उसका पेपर उसने खुद नहीं लिखा है. इन घटनाओं के पकड़े जाने के बाद बोर्ड की साख को गहरा चोट लगा और तब से बिहार बोर्ड ने टॉपर और जिनपर शक होगा ऐसे परीक्षार्थियों का रिजल्ट घोषित होने से पहले सत्यापन करने की नीति आपनाई है.
सोनी कुमारी के पिता के मुताबिक बिहार बोर्ड ने सत्यापन प्रकिया में शामिल होने के लिए एक जून को कार्यालय में बुलाया था लेकिन अतिआवश्यक कार्य के कारण सोनी पहुंच नहीं सकी. इसके बाद बोर्ड ने दोबारा पांच जून को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया, जिसमें शामिल होने के बाद सब कुछ सही पाया गया.
सोनी के पिता ने बताया कि एक और छात्रा का नाम और माता-पिता का नाम सोनी के प्रवेशपत्र से मिलता है. इसलिए बोर्ड ने और सावधानी दिखाई. उन्होंने कहा कि बोर्ड अधिकारियों ने वेरिफिकेशन के दौरान पूरी पारदर्शिता और आनेजाने का पूरा खर्च भी दिया.