Delhi Air Pollution: दिल्लीवालों की सांसों में घुला जहर, गैस चैंबर बनी राजधानी; बीजेपी ने की स्कूल बंद करने की मांग
राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण ने दिल्ली को गैस चेंबर बना दिया है. बुधवार की सुबह भी दिल्ली में धुंध की घनी चादर छाई रही. दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार शाम को 'गंभीर' हो गई, और AQI 418 तक पहुंच गया.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण ने दिल्ली को गैस चेंबर बना दिया है. बुधवार की सुबह भी दिल्ली में धुंध की घनी चादर छाई रही. दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार शाम को 'गंभीर' हो गई, और AQI 418 तक पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के 36 निगरानी स्टेशनों में से 30 ने वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में बताया.
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार शाम 4 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 418 तक पहुंच गया, जो "गंभीर" श्रेणी में आता है. इससे पहले सुबह 9 बजे यह 366 पर था. यह इस सीजन का पहला अवसर था जब दिल्ली में इतनी घनी धुंध देखने को मिली और सुबह के समय वायु गुणवत्ता "बहुत खराब" स्थिति में थी.
बीजेपी ने आप सरकार पर साधा निशाना
प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए बीजेपी ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि सभी सरकारी और निजी स्कूलों को कक्षा पांच तक के लिए तुरंत बंद किया जाए. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर प्रदूषण को काबू करने में असफल होने का आरोप भी लगाया और दिल्ली को एक "गैस चैंबर" करार दिया.
बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार को कक्षा पांच तक के सभी स्कूलों को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि गंभीर प्रदूषण का सबसे अधिक असर बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ रहा है, इसलिए सरकार को इसके प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए.
सचदेवा ने आप सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण पर नियंत्रण रखने में "पूरी तरह से विफल" रही है. उन्होंने कहा कि पीएम 2.5 का स्तर 400 के पार और पीएम 10 का स्तर 1,000 के पार पहुंच चुका है, जो गंभीर चिंता का विषय है.
इस गंभीर वायु प्रदूषण ने दिल्लीवासियों की सांसों पर असर डालना शुरू कर दिया है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति बेहद घातक हो सकती है. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है, ताकि लोगों को इस जहरीली हवा से राहत मिल सके.