12 से 18 साल के बच्चों के लिए नई वैक्सीन जल्द, DCGI से मांगी 'कोर्बेवैक्स' की मंजूरी
कोर्बेवैक्स टीका इंट्रामस्क्युलर यानी मांसपेशियों के रास्ते लगाया जाता है. इसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है. कोर्बेवैक्स 0.5 मिलीलीटर (एकल खुराक) और 5 मिलीलीटर (दस खुराक) की शीशी में उपलब्ध है.
नई दिल्ली, 13 फरवरी: कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने कुछ शर्तों के साथ 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए बायोलॉजिकल-E के ‘कोर्बेवैक्स’ कोरोना वैक्सीन (Corbevax vaccine) को आपातकालीन परिस्थितियों में प्रतिबंधित इस्तेमाल करने की सिफारिश की है. COVID-19 Update: भारत में कोविड-19 के 34,113 नए मामले, उपचाराधीन मरीजों की संख्या पांच लाख से कम
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने 28 दिसंबर को वयस्कों में आपात स्थिति में कोर्बेवैक्स के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी, जो कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित देश का पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट टीका है.
बायोलॉजिकल-ई के गुणवत्ता एवं नियामक मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा कि कंपनी को सितंबर 2021 में 15 से 18 साल के बच्चों और किशोरों पर कोर्बेवैक्स का दूसरे/तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की मंजूरी मिली थी. उन्होंने कहा कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है
कोसाराजू ने कहा, ‘प्रस्तावित आवेदन भारत में मौजूदा महामारी और कोविड-19 टीके की व्यापक जरूरत को देखते हुए 12 से 18 वर्ष साल के किशोरों में आपात स्थिति में कोर्बेवैक्स के सीमित इस्तेमाल की अनुमति प्राप्त करने के लिए दूसरे/तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के अंतरिम परिणामों पर आधारित है.’
कोर्बेवैक्स टीका इंट्रामस्क्युलर यानी मांसपेशियों के रास्ते लगाया जाता है. इसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है. कोर्बेवैक्स 0.5 मिलीलीटर (एकल खुराक) और 5 मिलीलीटर (दस खुराक) की शीशी में उपलब्ध है. इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित किया जाता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बायोलॉजिकल-ई ने भारत में पहले/दूसरे और दूसरे/तीसरे दौर का क्लीनिकल परीक्षण किया है.