2019 में नरेंद्र मोदी से मुकाबला नहीं करेंगे राहुल गांधी? पीछे हटने के दिए संकेत
वैसे राहुल के पीएम पद की दावेदारी पर स्थिति इस साल के अंत में होने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद साफ़ हो जाएगी
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की एक बैठक के दौरान राहुलगांधी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला लिया गया था. बैठक में कहा गया था कि अगर 2019 के लोगसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर आती है, तो राहुल गांधी को देश के प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे. वही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री बनने को लेकर यू-टर्न लिया है. राहुल गांधी ने कहा है कि देश में बीजेपी और आरएसएस को रोकने के लिए वह किसी दूसरी पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन दे सकते है. बता दें कि मंगलवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष ने महिला पत्रकारों से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक इस कार्यक्रम के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वह प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती या ममता बनर्जी के नाम का समर्थन करेंगे तो राहुल गांधी ने कहा कि वह किसी भी ऐसे प्रत्याशी का समर्थन करेंगे जो बीजेपी और आरएसएस को हराएगा.
राहुल गांधी के इस वक्तव पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी प्रवक्त संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मानसून की तरह देश में हर कोई प्रधानमंत्री बनना चाहता है.
बता दें कि 2019 में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने में जुटी हैं. कांग्रेस यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में क्षेत्रीय पार्टियों को साथ लेकर मोदी का मुकाबला करना चाहती हैं. वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और छत्तीसगढ़ में पार्टी के हौसले बुलंद हैं. यह तय माना जा रहा है कि तमिलनाडु में डीएमके के साथ उनका गठबंधन होगा. वहीं, पश्चिम बंगाल को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है.
वैसे राहुल के पीएम पद की दावेदारी पर स्थिति इस साल के अंत में होने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद साफ़ हो जाएगी. अगर कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत दर्ज करती है तो उनकी दावेदारी मजबूत होगी. बहरहाल, ये तो वक्त ही बताएगा कि मोदी को टक्कर देने के लिए विपक्ष की ओर से कौन उम्मीदवार बनता है.