Batti Gul Meter Chalu Review : एक बेहतरीन संदेश के साथ मनोरंजन का फुल डोज भी देती है शाहिद कपूर की यह फिल्म

फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू' एक काफी गंभीर विषय पर आधारित है. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह उत्तराखंड को ऊर्जा घर तो कहता जाता है लेकिन असल में वहां के लोगों को ही बिजली संबंधति समस्याओं का सामना करना पड़ता है

फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू' का रिव्यू

देवभूमी उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है. अक्सर लोग वहां पर अपनी छुट्टियां मनाने जाते हैं लेकिन असल में उत्तराखंड के निवासियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू' एक काफी गंभीर विषय पर आधारित है. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह उत्तराखंड को ऊर्जा घर तो कहा जाता है लेकिन असल में वहां के लोगों को ही बिजली संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. निर्देशक श्री नारायण सिंह ने इस मुद्दे को एक बेहतरीन तरीके से बड़े पर्दे पर दर्शाया है. जहां यह फिल्म एक सोशल मैसेज देती है, वहीं इसमें मनोरंजन फैक्टर भी भरपूर है. अगर बात करें शाहिद कपूर की तो उन्होंने अपने किरदार को बखूबी  निभाया है.

कहानी : - यह फिल्म तीन दोस्तों की कहानी है - सुशील (शाहिद कपूर), सुंदर (दिव्येन्दू) और ललिता ( श्रद्धा कपूर). सुशील एक वकील है और ललिता एक डिजाइनर है. सुंदर एक प्रिंटिंग प्रेस का मालिक है. सुंदर इस बात से परेशान है कि उसकी प्रेस का बिजली का बिल ज्यादा आ रहा है. तीनों दोस्तों के बीच एक लव ट्रायंगल भी है. लेकिन ललिता सुंदर को पसंद करती है. इस बात से सुशील का दिल टूट जाता है. दूसरी तरफ इस बार सुंदर की फैक्ट्री का बिजली का बिल 54 लाख आ जाता है और बिजली का कनेक्शन काट दिया जाता है. सुंदर काफी घाटे में चला जाता है और सुशील उसकी मदद करने से इंकार कर देता है. सुन्दर की फैक्ट्री भी बंद हो जाती है और उसके ऊपर काफी कर्ज आ जाता है. इसके बाद सुंदर आत्महत्या करने की कोशिश करता है. इसके आगे फिल्म में क्या होता है, इसके लिए आपका इस फिल्म को देखना आवश्यक है.

अभिनय - शाहिद कपूर का अभिनय इस फिल्म की जान है. उन्होंने जिस तरह से कुमाऊंनी भाषा बोली है , वह काबिले तारीफ है. साथ ही श्रद्धा कपूर और दिव्येन्दू ने भी अभिनय को बखूबी निभाया है. साथ ही फिल्म में यामी गौतम भी है. उन्होंने भी एक वकील का किरदार निभाया है. लेकिन अगर आप इस फिल्म को देखने के लिए कोई वजह ढूंढ रहे तो शाहिद कपूर के लिए आप थिएटर में जा सकते हैं.

निर्देशन : श्री नारायण सिंह इससे पहले 'टॉयलेट : एक प्रेम कथा' का निर्देशन कर चुके हैं. इस फिल्म ने लोगों को खूब प्रभावित किया था लेकिन इस बार श्री नारायण सिंह अपने निर्देशन के द्वारा आपको और भी ज्यादा इम्प्रेस करेंगे. उत्तराखंड की खूबसूरत लोकेशन्स को उन्होंने कैमरा में बखूबी कैद किया है. उन दृश्यों को बड़े पर्दे पर देख आपका मन खुश हो जाएगा.

म्यूजिक : - संगीत के मामले में फिल्म थोड़ी फीकी पड़ती है लेकिन फिल्म के दो गाने आपको जरुर पसंद आ सकते हैं - अरिजित सिंह द्वारा गाया गया 'हर हर गंगे' और आतिफ असलम की आवाज में 'देखते देखते'.

फिल्म की खूबियां : -

1. शाहिद कपूर का उम्दा अभिनय

2. लाजवाब सिनेमेटोग्राफी

3. श्रद्धा कपूर और दिव्येन्दू का बेहतरीन सपोर्टिंग रोल

फिल्म की खामियां : -

1.धीमी शुरुआत

2. स्लो पेस

3. कई जगहों पर फिल्म थोड़ी खींची हुई लगती है

कितने स्टार्स ?

इस फिल्म को हम 3 स्टार्स देना चाहेंगे. आप इस फिल्म को थिएटर्स में जरुर देखने जा सकते हैं. लेकिन घर से निकलते समय बत्ती बुझाना मत भूलिएगा.

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