देश की खबरें | ‘युवा संगम’ देश की विविधता और आपसी संपर्क को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम: प्रधानमंत्री

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नयी दिल्ली, 28 मई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षा मंत्रालय के ‘युवा संगम’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि यह शानदार पहल देश की विविधता और लोगों के बीच के संपर्क को बढ़ावा देने वाली है।

उन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 101वीं कड़ी में ‘युवा संगम’ कार्यक्रम का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत की शक्ति इसकी विविधता में है। हमारे देश में देखने के लिए बहुत कुछ है। इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने ‘युवा संगम’ नाम से एक बेहतरीन पहल की है। इस पहल का उद्देश्य लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के साथ ही देश के युवाओं को आपस में घुलने-मिलने का मौका देना है। विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षा संस्थानों को इससे जोड़ा गया है।’’

उन्होंने कहा कि ‘युवा संगम’ में युवा दूसरे राज्यों के शहरों और गावों में जाते हैं, उन्हें अलग-अलग तरह के लोगों के साथ मिलने का मौका मिलता है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘युवा संगम’ के पहले चरण में लगभग 1200 युवा, देश के 22 राज्यों का दौरा कर चुके हैं।

उनका कहना था, ‘‘जो भी युवा इसका हिस्सा बने हैं, वे अपने साथ ऐसी यादें लेकर वापस लौट रहे हैं, जो जीवनभर उनके हृदय में बसी रहेंगी। हमने देखा है कि कई बड़ी कंपनियों के सीईओ, कारोबारी नेताओं ने बैग पैकर्स की तरह भारत में समय गुजारा है। मैं जब दूसरे देशों के नेताओं से मिलता हूं, तो कई बार वो भी बताते हैं कि वो अपनी युवावस्था में भारत घूमने के लिए आए थे।’’

‘युवा संगम’ कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ युवाओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने संवाद भी किया। इस दौरान इन युवाओं ने अपने अनुभव साझा किए।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारे भारत में इतना कुछ जानने और देखने के लिए है कि आपकी उत्सुकता हर बार बढ़ती ही जाएगी। मुझे उम्मीद है कि इन रोमांचक अनुभवों को जानकर आप भी देश के अलग-अलग हिस्सों की यात्रा के लिए जरुर प्रेरित होंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले ही मैं जापान में हिरोशिमा में था। वहां मुझे हिरोशिमा शांति स्मारक संग्रहालय में जाने का अवसर मिला। यह एक भावुक कर देने वाला अनुभव था। जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है।’’

प्रधानमंत्री ने भारत के कई संग्रहालयों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘कई बार संग्रहालय में हमें नए सबक मिलते हैं तो कई बार हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में विनायक दामोदर सावरकर के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वभाव को गुलामी की मानसिकता बिलकुल भी रास नहीं आती थी।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘कुछ दिन बाद 4 जून को संत कबीरदास जी की भी जयंती है। कबीरदास जी ने जो मार्ग हमें दिखाया है, वो आज भी उतना ही प्रासंगिक है।’’

मोदी ने तेलुगू फिल्मों के मशहूर अभिनेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामाराव की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्हें याद किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एनटीआर अपनी बहुमुखी प्रतिभा के बल पर न सिर्फ तेलुगू सिनेमा के महानायक बने, बल्कि उन्होंने, करोड़ो लोगों का दिल भी जीता। देश-दुनिया में लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले एन.टी. रामाराव जी को मैं अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’

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