विदेश की खबरें | वुहान प्रयोगशाला कोरोना वायरस के 'गेन-ऑफ-फंक्शन’ में कभी शामिल नहीं रही: चीन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. चीन ने कहा है कि वुहान में उसकी बायो-लैब ने कभी भी कोरोना वायरस पर “गेन ऑफ फंक्शन” अध्ययन में भाग नहीं लिया है, जबकि आरोप है कि यूएसएआईडी ने संक्रामक रोग के अध्ययन को वित्त पोषित किया है।
बीजिंग, 12 फरवरी चीन ने कहा है कि वुहान में उसकी बायो-लैब ने कभी भी कोरोना वायरस पर “गेन ऑफ फंक्शन” अध्ययन में भाग नहीं लिया है, जबकि आरोप है कि यूएसएआईडी ने संक्रामक रोग के अध्ययन को वित्त पोषित किया है।
इस प्रयोगशाला पर वैश्विक महामारी का कारण बनने वाले कोविड-19 को लीक करने के आरोप लगे थे। विषाणु विज्ञान के तहत ‘गेन-ऑफ-फंक्शन’ अनुसंधान में प्रयोगशाला में एक जीव को जान-बूझकर बदलना, एक जीन को बदलना या एक रोगज़नक में उत्परिवर्तन की शुरुआत करना शामिल है ताकि इसकी संप्रेषणीयता, विषाणु और प्रतिरक्षात्मकता का अध्ययन किया जा सके।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने यहां एक पत्रकार वार्ता में कहा, “चीन ने एक से अधिक बार यह भी स्पष्ट किया है कि ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ ने कभी भी कोरोना वायरस के “गेन ऑफ फंक्शन” अध्ययन में भाग नहीं लिया है।”
गुओ ने कहा, “इसने कभी भी कोविड-19 को न बनाया और न लीक किया। वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के मामले में चीन सभी तरह के राजनीतिक तिकड़म का दृढ़ता से विरोध करता है।”
हाल ही में अमेरिकी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, अमेरिका अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) ने चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में “गेन ऑफ फंक्शन” अध्ययन को वित्तपोषित करने के लिए करदाताओं के धन का इस्तेमाल किया। हो सकता है कि इसने कोविड-19 महामारी फैलाई हो, जिससे दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हो गई हो।
गुओ ने कहा कि अमेरिका को दूसरों पर जिम्मेदारियों डालने के बजाय स्वयं पर गहराई से विचार करने की जरूरत है।
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