Uttar Pradesh: भदोही में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए अमेरिकी आयातक आए सामने, भेजी 40 हजार डॉलर
उन्होंने बताया कि इसके साथ जिले के ही औराई ट्रॉमा सेंटर पर 35 बिस्तरों के अस्पताल में चीनी मिल मालिकों के सहयोग से ऑक्सीजन संयंत्र अगले पंद्रह से बीस दिनों में स्थापित कर दिया जाएगा. भदोही की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जाने वाले जिलों में भदोही को शामिल नहीं किया है.
भदोही: भदोही (Bhadohi) की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी (Aryka Akhauri) ने शनिवार को बताया कि अमेरिका (US) के कालीन आयातक आर. जोज़ेफ़ (R Joseph) और एक अन्य ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर भदोही के कालीन निर्यातक रुपेश बरनवाल (Rupesh Barnwal) के ज़रिये बीस -बीस हजार (कुल 40 हजार) डॉलर (Dollar) का चेक भेजा है जिसे शुक्रवार को यहां प्राप्त कर लिया गया है. Uttar Pradesh: वाराणसी में कोविड निगेटिव मां ने दिया कोरोना संक्रमित बच्ची को जन्म
अखौरी ने बताया कि इसके अलावा भदोही के दस कालीन निर्यातकों ने भी पैंतीस लाख पचास हज़ार का सहयोग ऑक्सीजन संयंत्र लगाने हेतु दिया है. उनके मुताबिक सहयोग से मिले इस 75 लाख रुपये से जिले के सुरयावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 35 बिस्तरों के बने कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र लगाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इसके साथ जिले के ही औराई ट्रॉमा सेंटर पर 35 बिस्तरों के अस्पताल में चीनी मिल मालिकों के सहयोग से ऑक्सीजन संयंत्र अगले पंद्रह से बीस दिनों में स्थापित कर दिया जाएगा. भदोही की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जाने वाले जिलों में भदोही को शामिल नहीं किया है.
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में अब तक जिले में 145 लोगों की मौत हुई है और वर्तमान में 250 उपचाराधीन मरीज हैं. उन्होंने कहा कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी थी लेकिन अब कमी पूरी कर ली गई है.
सिंह ने बताया कि इसका स्थाई समाधान निकालने के लिए जिलाधिकारी और उद्योग विभाग की मदद से कालीन उद्योग से जुड़े लोगों की एक बैठक बुलाई गई और उन्हें आगे आने को कहा गया. रुपेश कुमार ने कहा कि कालीन आयातक के भारत में भदोही स्थित प्रतनिधि संजय गुप्ता और नसीम अंसारी की मौत ऑक्सीजन ना मिलने से हुई. ऑक्सीजन संयंत्र न होने पर कालीन आयातकों ने हैरानी जताई और तुरंत ऑक्सीजन सयंत्र लगाने के लिए चालीस हज़ार डालर की सहयोग राशि भेजी.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)