नयी दिल्ली , नौ सितंबर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया कि कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से अचानक लगाया गया लॉकडाउन देश के युवाओं के भविष्य , गरीबों और असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था।
राहुल ने वीडियो जारी कर यह भी कहा कि इस आक्रमण के खिलाफ लोगों को खड़ा होना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि यह लॉकडाउन देश के असंगठित वर्ग के लिए ‘ मृत्युदंड’ साबित हुआ।
कांग्रेस नेता ने वीडियो में कहा , ‘‘ कोरोना के नाम पर जो किया गया वो असंगठित क्षेत्र पर तीसरा आक्रमण था। गरीब लोग , छोटे एवं मध्यम कारोबारी रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। लेकिन आपने बिना किसी नोटिस के लॉकडाउन किया , आपने इनके ऊपर आक्रमण किया। ’’
उन्होंने दावा किया , ‘‘ प्रधानमंत्री जी ने कहा 21 दिन की लड़ाई होगी। असंगठित क्षेत्र के रीड़ की हड्डी 21 दिन में ही टूट गई। ’’
उनके मुताबिक , जब लॉकडाउन के खुलने का समय आया , तो कांग्रेस पार्टी ने एक बार नहीं अनेक बार सरकार से कहा कि गरीबों की मदद करनी ही पड़ेगी , ‘ न्याय’ योजना जैसी एक योजना लागू करनी पड़ेगी , बैंक खातों में सीधा पैसा डालना पड़ेगा। लेकिन सरकार ने यह नहीं किया ।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया , ‘‘ हमने कहा कि लघु एवं मध्यम स्तर के कारोबारों के लिए आप एक पैकज तैयार कीजिए , उनको बचाने की जरूरत है। सरकार ने कुछ नहीं किया , उल्टा सरकार ने सबसे अमीर 15-20 लोगों का लाखों करोड़ों रुपये का कर माफ किया। ’’
राहुल ने दावा किया कि लॉकडाउन कोरोना पर आक्रमण नहीं था , बल्कि यह हिंदुस्तान के गरीबों , युवाओं के भविष्य , मजदूर किसान और छोटे व्यापारियों तथा असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था।
उन्होंने कहा , ‘‘ हमें इस बात को समझना होगा और इस आक्रमण के खिलाफ हम सबको खड़ा होना होगा। ’’
हक
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)