देश की खबरें | शांति कायम करने के लिए समुदायों के बीच सुलह का समय आ गया: मणिपुर के मुख्यमंत्री
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति कायम करने के लिए समुदायों के बीच मेल-मिलाप का समय आ गया है।
इंफाल, 13 अगस्त मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति कायम करने के लिए समुदायों के बीच मेल-मिलाप का समय आ गया है।
सिंह ने 133वें देशभक्त दिवस समारोह के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मणिपुर के लोगों को एकजुट होकर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आज देशभक्त दिवस है। कई मणिपुरियों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस दिन मैं राज्य के लोगों को यह संदेश देना चाहता हूं कि समुदायों के बीच मेल-मिलाप का समय आ गया है। मैं राज्य के सभी नागरिकों से शांति कायम करने में सहायता करने का अनुरोध करता हूं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें जाति, धर्म या किसी भी आधार पर मतभेद नहीं रखना चाहिए। हम सभी मणिपुरी, हम सभी भारतीय हैं और हमें एकजुट रहना चाहिए। लेकिन जिन मुख्य मुद्दों से हम जूझ रहे हैं, वह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं प्रेस से भी राज्य में शांति कायम करने में सहयोग करने की अपील करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पर्वतीय क्षेत्र के विधायकों से भी अनुरोध किया है कि वे राहत शिविरों में जाकर विस्थापितों की मदद करें। मुझे लगता है कि यह पीड़ित लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश होगा।’’
इससे पहले, वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष मई में हिंसा भड़कने से पहले मणिपुर पूर्वोत्तर राज्यों और देश के अन्य छोटे राज्यों के बीच तेजी से आगे बढ़ रहा था।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, पिछले साल तीन मई को शुरू हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के परिणामस्वरूप, कई लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ा है। कई लोगों की जान चली गई और कई लोग विस्थापित हो गए। हालांकि, केंद्र के नेता स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आवश्यक सुरक्षा और विभिन्न सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम धीरे-धीरे शांति के रास्ते पर लौट रहे हैं और पिछले पांच-छह महीनों में कोई बड़ी झड़प या हिंसा की घटना नहीं हुई है।’’
सिंह ने लोगों से एकता की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर और मतभेदों को दूर करके एक साथ आएं और राज्य में शांति बहाल करने में मदद करें।’’
वर्ष 1891 के एंग्लो-मणिपुर युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वालों की याद में हर साल 13 अगस्त को देशभक्त दिवस के रूप में मनाया जाता है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)