देश की खबरें | न्यायाधिकरण ने दिया सड़क दुर्घटना में हाथ गंवाने वाले को 1.39 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2019 में बस दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवाने वाले एक व्यक्ति को 1.39 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
ठाणे, 13 मार्च ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2019 में बस दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवाने वाले एक व्यक्ति को 1.39 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
एमएसीटी के अध्यक्ष एस बी अग्रवाल ने 10 मार्च के अपने आदेश में दुर्घटना के लिए बस चालक की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया।
न्यायाधिकरण ने वाहन के बीमाकर्ता को मुख्य रूप से उत्तरदायी ठहराया, साथ ही उसे बस मालिक से मुआवजा राशि वसूलने की अनुमति दी। आदेश की प्रति बृहस्पतिवार को हासिल हो सकी।
याचिकाकर्ता महेश लालचंद मखीजा (तब 51 वर्ष) मादक पेयपदार्थ कंपनी में बिक्री प्रबंधक के रूप में काम करते थे, उन्होंने न्यायाधिकरण को बताया कि 16 दिसंबर 2019 को वह निजी लक्जरी बस में यात्रा कर रहे थे। तेज गति से जा रही बस के चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और यह महाराष्ट्र के कल्याण-नगर राजमार्ग पर मुरबाड क्षेत्र के सावरने गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
इस दुर्घटना में मखीजा को गंभीर चोटें आईं जिसके बाद मुंबई के एक अस्पताल में चिकित्सकों को उनका बायां हाथ काटना पड़ा।
वह एक कंपनी में सेल्स मैनेजर के तौर पर काम करते थे और शुरुआत में उन्होंने 3.6 लाख रुपये की अपनी मासिक आय के आधार पर मुआवजे का दावा किया था।
प्रतिवादी, बस मालिक रियाज कादर मोहम्मद और बीमाकर्ता ‘यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ ने दावे का विरोध किया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘सबसे पहले यह उल्लेख करना उचित होगा कि याचिकाकर्ता के साक्ष्य तथा पुलिस के कागजात से यह स्पष्ट है कि दुर्घटना उस वाहन के चालक की लापरवाही के कारण हुई...।’’
बीमाकर्ता ने तर्क दिया कि चालक भारी वाहन के वैध लाइसेंस के बिना वाहन चला रहा था, जिससे बीमा पॉलिसी का उल्लंघन हुआ।
हालांकि न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘जहां तक बीमाकर्ता के बचाव का सवाल है, यह कहा गया है कि चालक वैध ड्राइविंग लाइसेंस के बिना भारी वाहन चला रहा था। रिकॉर्ड में दर्ज लाइसेंस एलएमवी (हल्के मोटर वाहन) के लिए है। मालिक ने कोई सबूत पेश नहीं किया है। इसलिए, दोनों प्रतिवादी याचिकाकर्ता को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होंगे।’’
न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को मखीजा को याचिका दायर करने की तारीख से 7.5 प्रतिशत ब्याज के साथ 1,39,48,645 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया साथ ही कहा कि इसके बाद बीमाकर्ता को बस मालिक से यह राशि वसूलने का अधिकार है।
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