लॉकडाउन के तीसरे चरण में छूट मिलते ही शराब दुकानों पर उमड़ी भीड़, सड़कों पर उतरे ज्यादा वाहन

सरकार कोविड-19 पर अंकुश लगाने और अर्थव्यवस्था की पुनर्बहाली के बीच संतुलन बिठा रही है। इसी के तहत ऑटो से लेकर कपड़ा उद्योग, शराब से लेकर रसायन एवं उर्वरक कंपनियों ने संबंधित राज्य सरकारों से अनुमति हासिल कर उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया है।

जमात

नयी दिल्ली, चार मई भारत में सोमवार से लागू तीसरे चरण के लॉकडाउन में प्रतिबंधों में छूट मिलते ही, शराब की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी, सड़कों पर काफी संख्या में वाहन उतर गए और कैब सेवाएं शुरू हो गईं। कोरोना वायरस से लोगों के ठीक होने की दर बढ़ते ही, तीसरे चरण के लॉकडाउन में निरूद्ध क्षेत्रों को छोड़कर बाकी स्थानों पर कई रियायतें दी गई हैं।

सरकार कोविड-19 पर अंकुश लगाने और अर्थव्यवस्था की पुनर्बहाली के बीच संतुलन बिठा रही है। इसी के तहत ऑटो से लेकर कपड़ा उद्योग, शराब से लेकर रसायन एवं उर्वरक कंपनियों ने संबंधित राज्य सरकारों से अनुमति हासिल कर उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया है।

उत्पादकों ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया है कि उन्होंने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आंशिक तौर पर अपनी फैक्टरियां शुरू कर दी हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा है कि अंतरराज्यीय ट्रक एवं मालवाहक वाहनों की बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करें। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था के पहिए को चलाने के लिए आवश्यक हैं।

ट्रांसपोर्टरों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने केंद्र से अपील की थी कि माल ढोने वाले ट्रकों की बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित की जाए जिसके बाद केंद्र ने यह निर्देश दिए हैं।

एआईएमटीसी ने कहा कि बमुश्किल 30 फीसदी ट्रक सड़कों पर हैं लेकिन इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कुछ राज्यों में सीमावर्ती बिंदुओं पर उगाही सहित चालकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।

रेलवे ने ‘श्रमिक स्पेशल’ रेलगाड़ियां चौथे दिन भी चलाईं। गुजरात में अधिकारियों ने कहा कि अपने घरों को लौटने के लिए बेताब एक हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों ने सूरत जिले में पुलिस पर पथराव किया जिसमें करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। उनमें एक आईजी स्तर का आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं। प्रवासी श्रमिकों ने राज्य के अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन किए।

गुरुग्राम की कुछ रियल इस्टेट परियोजनाओं में निर्माण गतिविधियां शुरू हो गई हैं लेकिन नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डर स्थानीय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। यह जानकारी रियल इस्टेट के निकाय ने दी।

बहरहाल, उद्योग संगठन क्रेडाई और नारेडको ने कहा कि मजदूरों, कच्ची सामग्रियों और नकदी की कमी के कारण पूरी क्षमता से निर्माण गतिविधियों को शुरू करना कठिन होगा।

प्रतिबंधों में राज्यों की तरफ से ढील दिए जाने के बीच झारखंड सरकार ने कहा कि वह केंद्र की तरफ से दी गई रियायतों में किसी को भी लागू नहीं करेगी और इसने 17 मई तक ‘‘पूरी तरह’’ लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय किया है।

केंद्र सरकार ने जिलों को कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में विभाजित कर लॉकडाउन के तीसरे चरण में और रियायतें दी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से जारी लॉकडाउन को दो बार विस्तार दिया गया है।

मेट्रो रेल और नगरीय बसों जैसे सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध जारी रहने के बीच कई शहरों में भीड़भाड़ वाले स्थानों काफी कम संख्या में लोग दिखे।

प्रतिबंध हटाए जाने के बाद बेंगलुरू के कई हिस्से में वाहनों की काफी आवाजाही दिखी जिससे कुछ इलाकों में यातायात जाम हो गया।

बेंगलुरू के मुख्य व्यावसायिक इलाके चिकपेट में कुछ गतिविधियां दिखीं।

दिल्ली के कुछ इलाकों में भी यातायात जाम दिखा।

राष्ट्रीय राजधानी में 40 दिनों बाद सरकार की तरफ से संचालित शराब की कई दुकानें खुलीं लेकिन अत्यधिक भीड़ के कारण उन्हें बंद करना पड़ा। लोगों ने सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया जिसके बाद पुलिस को भीड़ हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

देश के कई हिस्से में शराब की दुकानों पर सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘कई स्थानों पर दुकानों को बंद करने के लिए कहा गया । कुछ स्थानों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।’’

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऐसे समय में शराब की दुकानों को खोलने की जल्दबाजी दिखाई जब पूरी राष्ट्रीय राजधानी ‘रेड जोन’ में है।

कर्नाटक में कुछ स्थानों पर सूर्योदय से पहले ही लोग शराब की दुकानों पर लाइन में लग गए और फूल, नारियल, अगरबत्ती के साथ ‘‘विशेष प्रार्थना’’ की और शराब की दुकानों के बाहर पटाखे चलाए। शिवमोगा में शराब की दुकान के बाहर लाइन लगे लोगों में 96 वर्ष की महिला दकम्मा भी शामिल थीं जो शराब मिलने का इंतजार कर रही थीं।

पश्चिम बंगाल में तीनों जोन में शराब की दुकानें खुलीं लेकिन उनमें से कईयों को पुलिस ने एक घंटे के अंदर ही बंद करा दिया क्योंकि लोगों ने सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए धक्का मुक्की की।

गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर तीनों जोन में शराब की दुकानें और पान की दुकानों को खोलने की अनुमति होगी जबकि वहां दो लोगों के बीच छह फुट की दूरी बनाए रखनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि दुकान के अंदर एक समय पांच से अधिक लोग मौजूद नहीं हों।

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