देश की खबरें | छावला सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के माता-पिता ने कहा- खत्म हो गई जीने की इच्छा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के छावला इलाके में 2012 में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सभी तीन आरोपियों के बरी होने के बाद पीड़िता के माता पिता ने कहा कि “हम न केवल जंग हार गए हैं, बल्कि हमारी जीने की इच्छा भी खत्म हो गई है।”
नयी दिल्ली, सात नवंबर दिल्ली के छावला इलाके में 2012 में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सभी तीन आरोपियों के बरी होने के बाद पीड़िता के माता पिता ने कहा कि “हम न केवल जंग हार गए हैं, बल्कि हमारी जीने की इच्छा भी खत्म हो गई है।”
पीड़िता के पिता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले से उन्हें निराश किया है और 11 साल से अधिक समय तक लड़ाई लड़ने के बाद न्यायपालिका से उनका विश्वास उठ गया है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ‘सिस्टम’ उनकी गरीबी का फायदा उठा रहा है।
साल 2014 में, एक निचली ने मामले को “दुर्लभतम” बताते हुए तीनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी। बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा।
तीन लोगों पर फरवरी 2012 में 19 वर्षीय युवती के अपहरण, बलात्कार और बेरहमी से हत्या करने का आरोप है। अपहरण के तीन दिन बाद उसका क्षत-विक्षत शव मिला था।
पीड़िता की मां ने उच्चतम न्यायालय परिसर के बाहर फूट-फूटकर रोते हुए कहा, “11 साल बाद भी यह फैसला आया है। हम हार गए...हम जंग हार गए ...मैं उम्मीद के साथ जी रही थी...मेरे जीने की इच्छा खत्म हो गई है। मुझे लगता था कि मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा।”
पीड़िता के पिता ने कहा, “अपराधियों के साथ जो होना था, वह हमारे साथ हुआ।”
उन्होंने ‘पीटीआई-’ से कहा, “11 साल से हम दर-दर भटक रहे हैं। निचली अदालत ने भी अपना फैसला सुनाया। हमें राहत मिली। उच्च न्यायालय से भी हमें आश्वासन मिला। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने हमें निराश किया। अपराधियों के साथ जो होना था, वह हमारे साथ हुआ।”
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