देश की खबरें | ''एलजी के मामले में अदालत का आदेश दर्शाता है कि ‘आप’ भ्रष्टाचार छिपाने को कितना गिर सकती है'
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भाजपा ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा एक अंतरिम आदेश में आम आदमी पार्टी (आप) और उसके कई नेताओं को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ “मानहानिकारक” बयान देने से रोक लगाए जाने के बाद आप पर निशाना साधा और कहा कि यह दर्शाता है कि ‘‘भ्रष्टाचार’’ छिपाने के लिए पार्टी(आप) किस हद तक गिर सकती है।
नयी दिल्ली, 27 सितंबर भाजपा ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा एक अंतरिम आदेश में आम आदमी पार्टी (आप) और उसके कई नेताओं को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ “मानहानिकारक” बयान देने से रोक लगाए जाने के बाद आप पर निशाना साधा और कहा कि यह दर्शाता है कि ‘‘भ्रष्टाचार’’ छिपाने के लिए पार्टी(आप) किस हद तक गिर सकती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि अब समय आ गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वापस ले ली गई आबकारी नीति में हुए कथित भ्रष्टाचार पर पार्टी की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब दें।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले के माध्यम से सिसोदिया ने बड़ी धनराशि अर्जित की है।
इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में आम आदमी पार्टी (आप) और उसके कई नेताओं को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ “मानहानिकारक” बयान देने से रोक दिया। अदालत ने उन्हें सोशल मीडिया पर सक्सेना के खिलाफ कथित अपमानजनक पोस्ट, वीडियो और ट्वीट हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्होंने बिना सोचे समझे इस प्रकार के बयान दिए।
उपराज्यपाल ने ‘आप’, इसके नेताओं आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह को उन पर और परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर साझा किए गए “झूठे” व “मानहानिकारक” पोस्ट, ट्वीट या वीडियो हटाने का निर्देश देने की भी अपील की थी।
उन्होंने ‘आप’ और उसके पांच नेताओं से ब्याज सहित 2.5 करोड़ रुपये के हर्जाने और मुआवजे की भी मांग की है।
पात्रा ने कहा कि झूठे आरोप लगाना केजरीवाल का इतिहास रहा है। इस क्रम में उन्होंने दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी सहित कई नेताओं के खिलाफ केजरीवाल द्वारा पूर्व में लगाए गए आरोपों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक आप नेताओं का सवाल है, वे आरोप लगाते हैं और फिर माफी मांग लेते हैं।’’
‘आप’ के नेताओं ने आरोप लगाया था कि सक्सेना ने नवंबर 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का अध्यक्ष रहते हुए चलन से बाहर हो चुकी मुद्रा हासिल करके उसे नयी मुद्रा में परिवर्तित कराया था। ‘आप’ और इसके नेताओं ने उपराज्यपाल पर 1,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
भाजपा आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा, ‘‘केजरीवाल की आरोप लगाकर भाग जाने की रणनीति पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाधा खड़ी कर दी है। अदालत ने आप द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की आलोचना की है और उनके खिलाफ बयान देने पर रोक लगायी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शर्मिंदगी का सामना करना केजरीवाल के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन हो सकता है कि यह आखिरी में से एक।’’
उपराज्यपाल सक्सेना ने अदालत के आदेश के बाद ट्वीट किया, ‘‘सत्यमेव जयते।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया ‘आप’ और उसके नेताओं के विभिन्न बयान, साक्षात्कार, संवाददाता सम्मेलन, ट्वीट या री-ट्वीट, हैशटैग अपने आप में मानहानिकारक हैं और उन्हें सक्सेना की छवि धूमिल करने के लिए बिना किसी तथ्य के लापरवाह तरीके से किया गया।
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