देश की खबरें | अदालत ने सात महीने के गर्भ को गिराने की महिला की अर्जी मेडिकल बोर्ड को भेजी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दुर्लभ मेडिकल कारणों का हवाला देते हुए अपने सात महीने के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगने वाली महिला की अर्जी बृहस्पतिवार को एम्स के मेडिकल बोर्ड को भेजी।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, सात जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने दुर्लभ मेडिकल कारणों का हवाला देते हुए अपने सात महीने के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगने वाली महिला की अर्जी बृहस्पतिवार को एम्स के मेडिकल बोर्ड को भेजी।

महिला ने अपनी अर्जी में कहा है कि उसके अजन्मे बच्चे को जो बीमारी है, उसमें खोपड़ी की हड्डी नहीं बनती है।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने बोर्ड से कहा है कि वह महिला का परीक्षण कर उसके गर्भपात की संभावना पर 11 जनवरी तक रिपोर्ट दे। मामले की अगली सुनवाई इसी दिन होनी है।

महिला को आठ जनवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच बोर्ड के समक्ष पेश होने को कहा गया है।

महिला की अर्जी के अनुसार, गर्भावस्था के 27 सप्ताह पांच दिन गुजरने के बाद हुए अल्ट्रासउंड में पता चला कि बच्चे को एनेन्सेफ्ली की समस्या है जिसमें खोपड़ी की हड्डी नहीं बनती है, ऐसे में इस बच्चे का जीवित रहना संभव नहीं है।

चिकित्सकीय गर्भपात कानून, 1971 पांच महीने की गर्भावस्था के बाद गर्भपात निषिद्ध करता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\