जयपुर, 25 नवंबर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि संविधान देश को शासित करने से जुड़ा पवित्र ग्रंथ भर नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का प्रतिबिम्ब है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान विश्वभर के लोकतंत्रों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या है।
आधिकारिक बयान के अनुसार राज्यपाल ने संविधान दिवस (26 नवम्बर) की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि संविधान की उद्देशिका "हम भारत के लोग" देश में संप्रभुता और लोकतांत्रिक भारतीय मूल्यों का ही दर्शन है तथा संविधान की आस्था ’लोकतंत्रात्मक शासन पद्धति’ में है।
संविधान का मूल भाव मानवता होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि नागरिकों में बंधुता, स्वाभिमान और राष्ट्र की एकता से जुड़ा यह संविधान देश के आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन का घोषणा पत्र है।
राज्यपाल ने कहा है कि संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान सभा में दिए अपने पहले भाषण में "संवैधानिक नैतिकता" शब्द का उपयोग किया था, यही हमारे गणतंत्र की पहचान है।
उन्होंने संविधान दिवस पर संविधान से जुड़ी संस्कृति और इससे जुड़े अधिकारों के प्रति सजग रहते सभी को कर्तव्यों के प्रति भी प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया है।
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