देश की खबरें | तेलंगाना इतिहास रच रहा है, लेकिन केंद्र सरकार दशकीय जनगणना कराने में भी विफल रही: कांग्रेस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तेलंगाना में जारी जाति सर्वेक्षण की सराहना करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने जो हासिल किया है, वह तब और भी प्रभावशाली है जब इस बात पर विचार किया जाए कि केंद्र सरकार 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना कराने में ‘‘विफल’’ रही है।
नयी दिल्ली, 15 नवंबर तेलंगाना में जारी जाति सर्वेक्षण की सराहना करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने जो हासिल किया है, वह तब और भी प्रभावशाली है जब इस बात पर विचार किया जाए कि केंद्र सरकार 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना कराने में ‘‘विफल’’ रही है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि तेलंगाना इतिहास रच रहा है, लेकिन केंद्र सरकार उस परंपरा का सम्मान करने में विफल रही है जिसे आजादी के बाद से हर सरकार ने कायम रखा है।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘जाति सर्वेक्षण न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह एक ऐसा कार्य भी है जिसके लिए जबरदस्त प्रशासनिक क्षमता की आवश्यकता होती है। यह एक बहुत बड़ा काम है। तेलंगाना में 80,000 गणनाकार 33 जिलों के 1.17 करोड़ घरों के सर्वेक्षण कार्य में शामिल होंगे।’’
उन्होंने कहा कि संस्कृतियों, परिदृश्यों और अर्थव्यवस्थाओं की विविधता के बीच प्रत्येक परिवार का सर्वेक्षण करने के लिए सरकार को गांव और वार्ड स्तर से लेकर सीएमओ तक मिशन मोड में काम करने की आवश्यकता है।
रमेश ने कहा, ‘‘नलगोंडा जिले में इस कवायद की कुछ झलकियाँ, जहाँ 55 प्रतिशत से अधिक आबादी का सर्वेक्षण किया जा चुका है। मिर्यालगुडा नगर पालिका में, अधिकारियों ने 44 वार्डों में फैले सभी 288 गणना ब्लॉक का जीआईएस मानचित्र विकसित किया है। यह प्रौद्योगिकी भविष्य में नगर निकाय सेवाओं के लिए बेहतर योजना बनाने में नगरपालिका को सक्षम बनाएगी।’’
उन्होंने कहा कि भरी गई अनुसूचियों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नलगोंडा जिले के अधिकारियों ने उन्हें सुरक्षित रूप से रखने के वास्ते लोहे के ट्रंक भी खरीदे हैं।
रमेश ने कहा कि जाति सर्वेक्षण की सत्यनिष्ठा चुनाव प्रक्रिया के समान है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू के नेतृत्व में तेलंगाना सरकार ने जो हासिल किया है, वह तब और भी प्रभावशाली है जब हम इस बात पर विचार करें कि केंद्र सरकार 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना कराने में विफल रही है।’’
कांग्रेस ने पिछले सप्ताह कहा था कि देशव्यापी जाति सर्वेक्षण और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत की ‘‘मनमानी सीमा’’ को हटाना देश के लिए उसके दृष्टिकोण का केंद्र है।
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