देश की खबरें | डीयू परिसर खोलने की मांग को लेकर कुलपति कार्यालय के बाहर छात्रों का प्रदर्शन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में ऑफलाइन कक्षाएं बहाल करने की अनुमति दिए जाने के कुछ दिनों बाद परिसर को तत्काल खोलने की मांग को लेकर सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तथा उनसे मारपीट की।

नयी दिल्ली, सात फरवरी दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में ऑफलाइन कक्षाएं बहाल करने की अनुमति दिए जाने के कुछ दिनों बाद परिसर को तत्काल खोलने की मांग को लेकर सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तथा उनसे मारपीट की।

बहरहाल पुलिस ने उनके दावों को खारिज करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को परिसर से हटाने के बाद तत्काल रिहा कर दिया गया। प्रदर्शन का आयोजन करने वाले स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इडिया ने दावा किया कि प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे उसके कार्यकर्ताओं के साथ कुलपति कार्यालय में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने ‘बर्बर तरीके से मारपीट’ की। छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के पुरुष अधिकारियों ने उनकी तीन महिला कार्यकर्ताओं से मारपीट की।

इन दावों को खारिज करते हुए पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने एक बयान में कहा कि डीयू प्राधिकारियों के अनुरोध पर वीसी कार्यालय के बाहर से कुछ प्रदर्शनकारियों को हटाया गया और जब परिसर खाली हो गया तो उन्हें तुरंत रिहा कर दिया गया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने वीसी कार्यालय के दरवाजे पर ‘आउट ऑफ सर्विस’ लिखी तख्ती टांग दी। प्रदर्शन का आयोजन करने वाले भारतीय छात्र संघ (एसएफआई) ने बताया कि ‘घेराव’ में 400 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया।

हिंदू कॉलेज में एसएफआई के सचिव अंकित बीरपाली ने कहा, ‘छात्रों की नाराजगी साफ नजर आ रही है। आप इसे उनके चेहरों पर देख सकते हैं, उनकी आवाज में सुन सकते हैं। कुलपति को अगले दो दिनों में फैसला लेना चाहिए, वरना हमें अपनी कक्षाओं के ताले खुद तोड़ने पड़ेंगे।’ एसएफआई ने दावा किया कि अन्य छात्र और शिक्षक संगठनों ने भी प्रदर्शन के प्रति समर्थन जताया। उसने दावा किया कि विश्वविद्यालय के 53 से अधिक विभागों ने ऑनलाइन कक्षाओं का पूर्ण बहिष्कार किया। मिरांडा हाउस की एक छात्रा आरुषि शर्मा ने कहा, ‘हममें से कई अभी दिल्ली में नहीं हैं। इसलिए, हम एसएफआई द्वारा बुलाए गए प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके। हालांकि, हमने फैसला किया कि हमें यह संदेश भेजने के लिए कदम उठाना चाहिए कि ज्यादातर छात्र विश्वविद्यालय परिसर को दोबारा खोलने की मांग का समर्थन करते हैं। लिहाजा, हमने आज ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार किया।’

डीडीएमए द्वारा सोमवार से उच्च शिक्षण संस्थानों को दोबारा खोलने की मंजूरी देने के बावजूद डीयू ने परिसर में ऑफलाइन कक्षाएं बहाल करने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। अधिकारियों ने कहा है कि विश्वविद्यालय कुछ दिनों में खुल जाएगा और वे इस संबंध में रणनीति तैयार करेंगे।

एसएफआई ने विश्वविद्यालय न खुलने तक नौ फरवरी से ‘सड़क पर कक्षा’ अभियान शुरू करने की घोषणा की है। डीयू में एसएफआई के सह-संयोजक अभिषेक ने कहा, ‘सड़क पर कक्षा प्रशासन के लिए एक संदेश है कि शिक्षक और छात्र, दोनों ऑफलाइन कक्षाओं की बहाली चाहते हैं। अगर उनमें हमारे प्रति कोई सम्मान बचा है तो उन्हें तुरंत परिसर खोलना चाहिए।’ डीयू के कॉलेज दोबारा खोलने के सवाल पर कुलपति योगेश सिंह ने कहा था कि वे छात्रों को परिसर में लौटने के लिए कुछ दिनों का समय देंगे।

सिंह ने कहा था, ‘अगर डीडीएमए 100 फीसदी उपस्थिति की अनुमति देता है तो हम निश्चित रूप से परिसर को दोबारा खोल देंगे। लेकिन हम अपने छात्रों को परिसर में लौटने के लिए कुछ दिनों का समय देंगे, मसलन दस दिन, क्योंकि अधिकांश छात्र दूसरे राज्यों से हैं। हम अपनी रणनीति खुद तैयार करेंगे।’

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