विदेश की खबरें | द.कोरिया की विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति यून पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव है। इस कानून की वजह से सैनिकों ने संसद को घेर लिया था। हालांकि, सांसदों ने ‘मार्शल लॉ’ को हटाने के पक्ष में मतदान किया, जिसके बाद यून ने इसे हटाने की घोषणा की।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति यून पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव है। इस कानून की वजह से सैनिकों ने संसद को घेर लिया था। हालांकि, सांसदों ने ‘मार्शल लॉ’ को हटाने के पक्ष में मतदान किया, जिसके बाद यून ने इसे हटाने की घोषणा की।

राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए प्रस्ताव संसद के दो-तिहाई बहुमत या 300 में से 200 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। इसके बाद कम से कम छह संवैधानिक न्यायालय के न्यायाधीशों का समर्थन भी आवश्यक होगा।

मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और पांच छोटे विपक्षी दलों द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान हो सकता है।

यून के वरिष्ठ सलाहकारों और मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की पेशकश की है तथा रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन सहित उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों से भी पद छोड़ने की मांग की गई है।

राजधानी में सड़कों पर पुलिस हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार नजर आई। आम दिनों की तरह ही पर्यटक और निवासी सड़कों पर नजर आए, यातायात और निर्माण कार्य भी जारी रहा।

यून ने मंगलवार रात अचानक ‘मार्शल लॉ’ लागू कर दिया और विपक्ष के वर्चस्व वाली संसद में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में संघर्ष करने के बाद ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ ताकतों को खत्म करने का संकल्प लिया गया।

राष्ट्रपति द्वारा लागू ‘मार्शल लॉ’ केवल छह घंटे तक ही प्रभावी रहा, क्योंकि ‘नेशनल असेंबली’ (दक्षिण कोरिया की संसद) ने राष्ट्रपति के फैसले को खारिज करने के पक्ष में मतदान किया।

सुबह करीब साढ़े चार बजे कैबिनेट की एक बैठक के दौरान ‘मार्शल लॉ’ हटाने का फैसला किया गया जिसके बाद इसे हटाने की औपचारिक घोषणा की गई।

उदारवादी विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी 300 सीट वाली संसद में बहुमत रखती है। पार्टी ने बुधवार को कहा कि उसके सांसदों ने यून से तत्काल पद छोड़ने को कहा है, अन्यथा वे उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए कदम उठाएंगे।

डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति यून सुक येओल की ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है। इसे घोषित करने के लिए किसी भी आवश्यक नियम का पालन नहीं किया गया।’’

बयान में कहा गया, ‘‘उनकी ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा मूल रूप से अमान्य है और संविधान का गंभीर उल्लंघन है। यह विद्रोह का एक गंभीर कृत्य था और उनके खिलाफ महाभियोग के लिए एकदम सही आधार प्रदान करता है।’’

हालांकि, नेशनल असेंबली के अधिकारियों के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य छोटे विपक्षी दलों के पास कुल 192 सीट हैं। लेकिन जब संसद ने 190-0 वोट से यून के ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा को खारिज कर दिया, तो यून की सत्तारूढ़ ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ के लगभग 10 सांसदों ने भी विपक्ष का समर्थन करते हुए मतदान किया।

अगर यून पर महाभियोग चलाया जाता है, तो संवैधानिक न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक उनकी संवैधानिक शक्तियां छीन ली जाएंगी। दक्षिण कोरियाई सरकार में दूसरे नंबर के पद पर काबिज प्रधानमंत्री हान डक-सू, राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां संभालेंगे।

यून की ‘मार्शल लॉ’ घोषणा 40 से अधिक वर्षों में अपनी तरह की पहली घोषणा है, जो दक्षिण कोरिया की पिछली सैन्य-समर्थित सरकारों की याद दिलाती है, जब अधिकारी कभी-कभी ‘मार्शल लॉ’ और अन्य फरमानों की घोषणा करते थे।

यह कानून अधिकारियों को सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए सड़कों या स्कूलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लड़ाकू सैनिकों, टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को तैनात करने की अनुमति देता है।

1980 के दशक के उत्तरार्ध में दक्षिण कोरिया के वास्तविक लोकतंत्र प्राप्त करने के बाद से मंगलवार रात तक सैन्य हस्तक्षेप के ऐसे दृश्य नहीं देखे गए थे।

यून की घोषणा के बाद हथियारों से लैस सैनिकों ने संसद को घेर लिया और प्रदर्शनकारियों को ‘नेशनल असेंबली’ से दूर रखने की कोशिश की।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि 190 सांसद यून के ‘मार्शल लॉ’ के फैसले के खिलाफ मतदान करने के लिए संसद के हॉल में कैसे प्रवेश कर पाए। कथित तौर पर कुछ सांसद दीवारों पर चढ़ गए, जबकि सैनिकों और पुलिस अधिकारियों ने कुछ को प्रवेश करने से रोक दिया, हालांकि उन्होंने सांसदों पर आक्रामक तरीके से रोक नहीं लगाई या बल का प्रयोग नहीं किया।

इस पूरे प्रकरण में किसी बड़ी हिंसा की खबर नहीं है।

बाद में ‘मार्शल लॉ’ हटाने के पक्ष में संसद में वोट के बाद सैन्य बलों और पुलिसकर्मियों को ‘नेशनल असेंबली’ से बाहर निकलते देखा गया। ‘नेशनल असेंबली’ के ‘स्पीकर’ वू वोन शिक ने कहा, ‘‘सैन्य तख्तापलट की हमारी दुर्भाग्यपूर्ण यादों के बावजूद, हमारे नागरिकों ने निश्चित रूप से आज की घटनाओं को देखा है और हमारी सेना की परिपक्वता देखी है।’’

सत्तारूढ़ ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ के हान डोंग-हुन ने मांग की कि यून अपने फैसले पर स्पष्टीकरण दें और रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन को बर्खास्त करें। रक्षा मंत्री ने कहा था कि ‘मार्शल लॉ’ के आदेश की सिफारिश यून ने की थी। रक्षा मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

दक्षिण कोरिया के संविधान के तहत राष्ट्रपति ‘‘युद्ध के समय, युद्ध जैसी स्थितियों या अन्य राष्ट्रीय आपात स्थितियों’’ के दौरान ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा कर सकते हैं, जिसमें प्रेस, लोगों के एक स्थान पर एकजुट होने पर प्रतिबंध रहता है तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बल का उपयोग आवश्यक होता है।

कई पर्यवेक्षकों ने सवाल किया कि क्या वर्तमान में दक्षिण कोरिया में ‘मार्शल लॉ’ लागू करने वाली परिस्थिति थी।

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