देश की खबरें | पीयूष गोयल ने दीक्षांत समारोह के लिए पारंपरिक और विशेष पोशाक की वकालत की

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गुवाहाटी, 30 नवंबर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को विश्वविद्यालयों से दीक्षांत समारोह की ‘‘औपनिवेशिक’’ पोशाक छोड़ने और ‘‘कुछ अधिक अनोखी और पारंपरिक’’ पोशाक चुनने का आह्वान किया।

गोयल ने यहां स्थित ‘रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी’ के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों से संकट को अवसर में बदलने और चुनौतियों को सफलता की सीढ़ी बनाने का आह्वान किया।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने स्वयं द्वारा पहने गए औपचारिक दीक्षांत समारोह के गाउन और टोपी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘मैं कई दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेता रहा हूं और पाता हूं कि विश्वविद्यालय तेजी से इस पोशाक की औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विशेष रूप से इस मौसम में, मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस पोशाक को पहनकर विशेष रूप से खुश है... हम कुछ अधिक अनोखी, अधिक पारंपरिक, अधिक भारतीय, कुछ ऐसा क्यों नहीं सोच सकते, जिससे हम अधिक जुड़ सकें?’’

गोयल ने कहा कि उनके अधीन कई संस्थानों ने सलवार-कमीज, साड़ी या कुर्ता-पायजामा को ‘पोशाक’ के रूप में शामिल किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप बहुत ही आकर्षक दिखना चाहते हैं, तो ‘अचकन’ (तीन-चौथाई लंबाई वाला कोट या अंगरखा) भी चलेगा। लेकिन, हमें अपने पोशाक के साथ पारंपरिक और भारतीय रहना चाहिए।’’

मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारी जोरहाट स्थित राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान की मदद ले सकते हैं, ताकि वह उनके लिए कुछ अनूठा लेकर आए।

गोयल ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘आज जश्न का दिन है। मैं यहां एक नेता या मंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि एक मित्र और शुभचिंतक के तौर पर आया हूं, जो आप सभी में भविष्य के नवोन्मेषक, स्टार्ट-अप संस्थापकों को देखता है। आप न केवल असम, बल्कि पूरे देश का भाग्य तय करेंगे।’’

गोयल ने कहा कि स्नातक की उपाधि प्राप्त करने वाले 1,502 विद्यार्थियों में से 794 महिलाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश भर के सभी बच्चों के लिए प्रेरणा है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना ​​है कि भारत का भविष्य महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में निहित है। आपकी सफलता भारत की प्रगति में तब्दील होगी।’’

गोयल ने विद्यार्थियों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारत 2047 तक अपने विकास लक्ष्यों को पूरा करे, जब देश स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा।

इस बीच, चार प्रतिष्ठित हस्तियां - पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, पद्म विभूषण से सम्मानित और सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक रघुनाथ ए माशेलकर, पद्म विभूषण सम्मानित और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन, और पद्मश्री से सम्मानित और अंबुजा समूह के अध्यक्ष हर्षवर्द्धन नेवतिया को मानद उपाधि प्रदान की गई।

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