देश की खबरें | फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के तंत्र पर विचार करेगी संसदीय समिति
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नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर संसद की संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संबधी स्थायी समिति ने फर्जी खबरों (फेक न्यूज) पर अंकुश लगाने की व्यवस्था के साथ-साथ ‘ओटीटी’ मंचों से जुड़े मुद्दों पर गौर करने का निर्णय लिया है।
समिति "क्रिप्टोकरेंसी" की भारत में उपस्थिति को देखते हुए डिजिटल मुद्राओं के नए रूपों के उद्भव और उनके प्रभाव की भी जांच करेगी।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली समिति ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उद्भव के प्रभाव और संबंधित मुद्दों को भी अपने एजेंडे के विषय के रूप में चुना है।
समिति को सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा करने का अधिकार है।
मंगलवार को जारी लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, समिति ने सभी प्रकार के मीडिया से संबंधित कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा के साथ-साथ सरकारी प्रसारक "प्रसार भारती" के कामकाज की समीक्षा को अपने एजेंडे के विषय के रूप में चुना है।
हर दिन सैकड़ों लोग डिजिटल और साइबर अपराधों का शिकार होते हैं। इसी के मद्देनजर समिति इसके विनियमन और निगरानी पर गौर करेगी।
इस बीच, लोकसभा सचिवालय ने वर्तमान लोकसभा के लिए लाभ के पदों से संबंधित संयुक्त समिति के गठन की भी घोषणा की, जिसके अध्यक्ष भाजपा के ए राजेंद्र होंगे।
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