महामारी मानवाधिकारों का हनन करने के लिये ‘ब्लैंक चेक’ नहीं है :संयुक्त राष्ट्र

चिली की पूर्व राष्ट्रपति ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिक परिषद (यूएनएचआरसी) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पहली बैठक को संबोधित करते हुए यह कहा।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त मिशेल बेशलेट ने कहा, ‘‘ इस जन स्वास्थ्य आपातकाल में प्रतिक्रिया करने के लिये आपात उपायों की जरूरत हो सकती है। लेकिन आपात स्थिति मानवाधिकार दायित्वों का अनादर करने के लिये ‘ब्लैंक चेक’ नहीं है। ’’

चिली की पूर्व राष्ट्रपति ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिक परिषद (यूएनएचआरसी) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पहली बैठक को संबोधित करते हुए यह कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘आपात उपाय आवश्यक एवं समानुपातिक होने चाहिए। मैं कुछ देशों द्वारा असीमित आपात शक्तियों को अपनाने को लेकर चिंतित हूं।’’

उल्लेखनीय है कि हंगरी में प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन अपनी सरकार द्वारा संकट को समाप्त घोषित किये जाने तक के आदेश के साथ अभी शासन कर रहे हैं।

बेशलेट ने कहा, ‘‘कुछ देशों में हमनें ये खबरें देखी हैं कि पत्रकारों को मास्क नहीं पहन कर रिपोर्टिंग करने को लेकर दंडित किया जा रहा है, स्वास्थ्य कर्मियों जब सुरक्षा का अभाव होने का जिक्र करते हैं तब उन्हें फटकार लगाई जाती है। वहीं, आम आदमी को महामारी के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर गिरफ्तार किया जा रहा है।’’

उन्होंने विभिन्न देशों से यह अनुरोध किया कि वे कैदियों, गरीबों, महिलाओं और प्रवासियों सहित सर्वाधिक जोखिम ग्रस्त तबके के लोगों की सुरक्षा करें।

उन्होंने कहा कि महामारी यदि नहीं रूकी तो यह और अधिक असमानता बढ़ागी।

एएफपी

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