ताजा खबरें | विपक्ष ने मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी के बजट को नाकाफी बताया; भाजपा ने विकास का उल्लेख किया
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. विपक्षी दलों ने मत्स्य, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन को अपर्याप्त करार देते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार को पशुपालकों, मत्स्यपालकों और डेयरी उत्पादकों के विकास के लिए बजट में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
नयी दिल्ली, पांच अगस्त विपक्षी दलों ने मत्स्य, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन को अपर्याप्त करार देते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार को पशुपालकों, मत्स्यपालकों और डेयरी उत्पादकों के विकास के लिए बजट में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र में हुए विकास और सरकारी कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन तथा अन्य कई क्षेत्रों में देश ने खूब तरक्की की है।
इस बार के बजट में मत्स्य विभाग के लिए 2616.44 करोड़ रुपये और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के लिए 4931 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सदन में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए तृणमूल कांग्रेस की सांसद सयानी घोष ने कहा कि इस सरकार की स्थिति यह है कि पिछले 10 साल के दौरान हर दिन औसतन 30 किसानों ने आत्महत्या की है।
घोष ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ये (भाजपा) गौरक्षा की बात कर रहे हैं, लेकिन आज चारा का संकट है। सरकार ने खुद माना है कि देश में चारा का संकट है।’’
उन्होंने दावा किया कि देश की गौशालाओं में गायों की मौत हो रही है और यह विशेषकर भाजपा शासित राज्यों में हो रहा है।
घोष ने सत्ता पक्ष पर तंज किया, ‘‘ये कहते हैं कि गाय हमारी माता है, लेकिन गाय की रक्षा करना इन्हें नहीं आता है।’’
उन्होंने दावा किया कि आम आदमी के लिए जरूरी दूध, दही, छाछ पर पांच प्रतिशत की जीएसटी लगा रही है।
टीएमसी सांसद ने दावा किया कि मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन नाकाफी है।
भाजपा सदस्य दुष्यंत सिंह ने कहा कि इस सरकार में किसानों को समृद्ध बनाने पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पशुपालन का गरीबी उन्मूलन में बड़ा योगदान है।
सिंह का कहना था कि दुग्ध उत्पादन में वार्षिक छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भाजपा सांसद ने कहा कि सरकार ने गौशालाओं को पर्याप्त धन दिया है।
सिंह के अनुसार, भाजपा सरकार ने पशुपालन से जुड़े सभी क्षेत्रों में काम किया है।
कांग्रेस के बेनी बेहनन ने मछुआरों की समस्याओं का उल्लेख किया और कहा कि मछुआरों की औसत आयु अपेक्षाकृत कम है।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि बजट में इजाफा करना चाहिए क्योंकि यह पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा देने में पर्याप्त नहीं है।
समाजवादी पार्टी के नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि बजट आवंटन इस क्षेत्र की व्यापक की जरूरतों के लिए अपर्याप्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले वित्त वर्षों में संशोधित बजट में आवंटन को घटा दिया गया। इस क्षेत्र के लिए अधिक आवंटन की जरूरत है ताकि ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाई जा सके।’’
पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आवारा या छुट्टा जानवरों की बड़ी समस्या है, लेकिन इस पर अंकुश लगाने के लिए कदम नहीं उठाए गए हैं।
जनता दल यूनाइटेड के आलोक कुमार सुमन ने कहा कि पशुपलन और मछलीपालन के विकल्पों पर मोदी सरकार ने नई सोच के साथ काम किया है।
उन्होंने डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नवाचार और नई तकनीक की जरूरत बताई।
सुमन ने देश में 51 करोड़ मवेशियों का टीकाकरण करने की जरूरत भी बताई।
शिवसेना के अरविंद सावंत ने मुंबई के मछुआरों की समस्या उठाते हुए सरकार से ध्यान देने का आग्रह किया।
भाजपा के रोडमल नागर ने कहा कि डेयरी का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत योगदान है और यह क्षेत्र आठ करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रहा है।
उन्होंने पशुपालन और डेयरी विकास के क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि भारत दुग्ध उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर है।
नागर ने कहा कि देश में पिछले आठ वर्ष में दुग्ध उत्पादन में छह प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है।
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