विदेश की खबरें | नेपाल की सत्ताधारी पार्टी की बैठक दो घंटे के लिए स्थगित

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले बागी धड़े के बीच होने वाली महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को दो घंटे के लिए स्थगित हो गई।

काठमांडू, 21 जुलाई नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले बागी धड़े के बीच होने वाली महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को दो घंटे के लिए स्थगित हो गई।

कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को अनौपचारिक रूप से सुलझाने के लिए दोनों नेताओं के समय मांगने के बाद यह बैठक स्थगित हुई।

यह भी पढ़े | अमेरिका ने निभाई भारत से दोस्ती, गलवान घाटी में चीन के दुस्साहस के बाद राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम को सर्वसम्मति से किया पारित.

स्थायी समिति के सदस्य एवं नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के एक वरिष्ठ नेता गणेश शाह ने बताया कि स्थायी समिति की बैठक दो घंटे यानी दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दी गई है।

स्थायी समिति की इस बैठक में सत्ता साझीदारी पर बातचीत होने की संभावना है। गौरतलब है कि 24 जून से अभी तक समिति की बैठक कई बार टल चुकी है।

यह भी पढ़े | Sex During Coronavirus: कोरोना संकट के बीच खुद को सेफ रखने के लिए रेनकोट का इस्तेमाल कर रही हैं बोलीविया की सेक्स वर्कर्स.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि ओली और प्रचंड अनौपचारिक तौर पर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे सुलझाना चाहते थे, इसलिए बैठक दो घंटे के लिए स्थगित की गई है।

पार्टी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक सबसे पहले 24 जून को बुलाई गई थी, जिसके पहले प्रधानमंत्री ओली ने आरोप लगाया था कि कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा, तीन भारतीय क्षेत्रों को देश के नए राजनीतिक नक्शे में शामिल करने के बाद उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए पार्टी के कुछ नेता दक्षिणी पड़ोसी देश के साथ मिल गए हैं।

प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे लोग इस्तीफा मांग रहे हैं, न कि भारत मांग रहा है। उन्होंने ओली को अपने आरोप के समर्थन में सबूत दिखाने को भी कहा।

पूर्व प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ समेत एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है कि ओली की हालिया भारत विरोधी टिप्पणी ‘न तो राजनीतिक रूप से सही थी और न ही कूटनीतिक रूप से उपयुक्त थी।’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\