Neel Mohan: एक और भारतीय ने यूट्यूब का सीईओ बन बढ़ाया देश का गौरव

भारतीय प्रतिभाएं दुनियाभर में अपना डंका बजा रही हैं और कुछ-कुछ दिनों में किसी भारतीय की बड़ी उपलब्धि सुर्खियों का हिस्सा बनती है. इस बार अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के नील मोहन ने अपने देश का मान बढ़ाया है.

Neel Mohan

नयी दिल्ली, 19 फरवरी : भारतीय प्रतिभाएं दुनियाभर में अपना डंका बजा रही हैं और कुछ-कुछ दिनों में किसी भारतीय की बड़ी उपलब्धि सुर्खियों का हिस्सा बनती है. इस बार अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के नील मोहन (Neel Mohan) ने अपने देश का मान बढ़ाया है. उन्हें हाल ही में यूट्यूब का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)बनाया गया है. वैसे लगभग एक दशक पहले भी नील मोहन का नाम खबरों में था, जब गूगल ने अपने इस बेहतरीन अधिकारी को अपने पास रोके रखने के लिए 10 करोड़ डॉलर का बोनस दिया था. उसके बाद से उन्हें ‘‘100 मिलियन मैन’’ भी कहा जाता है. यह वह समय था, जब ट्विटर अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था और ट्विटर के तत्कालीन सीईओ ने नील मोहन को ट्विटर में आने का न्योता दिया. नील ने वह पेशकश लगभग स्वीकार भी कर ली थी, लेकिन गूगल ने उन्हें 10 करोड़ डॉलर का बोनस देकर अपने पास रोक लिया.

नील मोहन का जन्म 1974 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ. उनके पिता डॉ. आदित्य मोहन जब पत्नी डॉ. नीता मोहन के साथ पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गए, उस समय नील बहुत छोटे थे. कुछ वर्ष अमेरिका के मिशिगन में रहने के बाद परिवार लखनऊ लौट आया और लखनऊ की रिवर बैंक कॉलोनी में रहने लगा. नील ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से कक्षा नौ से 12 तक की पढ़ाई पूरी की. इन तीन साल में ही उन्होंने थोड़ी बहुत हिंदी सीखी. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका लौट गए. उन्होंने 1996 में स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. अपने करियर की शुरुआत में नील ने एक साल चार महीने तक एक्सेंचर में सीनियर एनालिस्ट के पद पर काम किया और उसके बाद 1997 में नेट ग्रेविटी नामक कंपनी से जुड़ गए. नवंबर 1997 में डबल क्लिक ने नेट ग्रेविटी का अधिग्रहण कर लिया. यहां नील निदेशक बनाए गए और उन्होंने ग्राहक सेवा से जुड़े मामलों को देखा.

नील की प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और काम करने की ललक ने उनके लिए कुछ ही वर्ष में वरिष्ठ पदों तक पहुंचने के रास्ते बनाए. 2003 में वह स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई करने चले गए और 2005 में दोबारा कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाए गए. दो बरस बाद गूगल ने 30 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम चुकाकर डबल क्लिक को खरीद लिया और इस तरह नील गूगल का हिस्सा बन गए. गूगल में काम करते हुए नील मोहन ने सफलता की नयी इबारत लिखी और अब यूट्यूब का सीईओ बनकर उसमें मील का एक और पत्थर जोड़ दिया. यूट्यूब में दूसरे शीर्षस्थ अधिकारी नील मोहन के इस शीर्ष पद पर पहुंचने की वजह रहीं यूट्यूब की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुज़ैन वोजित्स्की, जिन्होंने नौ साल तक इस पद को संभालने के बाद अपने, परिवार, स्वास्थ्य और निजी जीवन पर ध्यान देने की बात कहकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया और नील मोहन पर भरोसा जताया कि वह इस पद को बखूबी संभाल सकते हैं. सुज़ैन ने नील को अपनी बेहतरीन लीडरशिप टीम का सबसे होनहार सदस्य बताकर यह पद उन्हें सौंपने की सिफारिश की. पारिवारिक जीवन की बात करें तो नील मोहन के परिवार में माता-पिता के अलावा दो छोटे भाई कपिल मोहन और अनुज मोहन हैं. नील की पत्नी का नाम हेमा सरीन मोहन है और वह समाज सेवा के कार्य से जुड़ी हैं.

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