देश की खबरें | स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती जरूरी: राज्यपाल बागडे

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जयपुर, 29 अगस्त राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती अपनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति क्षीण हो रही है।

बागडे बीकानेर में कृषि विश्वविद्यालय के विद्या मंडप में 'प्राकृतिक खेती पर जागरूकता कार्यक्रम' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

बागडे ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से कैंसर जैसे रोगों के रोगियों की संख्या बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि पचास साल पहले तक कोई भी रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं करता था, परिस्थितिवश इनका उपयोग शुरू हुआ, आज इन उर्वरकों के अनेक दुष्परिणाम हमारे सामने हैं।

आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गांव का पानी, गांव में ही रुके, ऐसे प्रयास किए जाएं।

उन्होंने शून्य खर्च आधारित खेती के बारे में बताया और कहा कि यह भूमि अन्नपूर्णा है, सकारात्मक तरीके से इसका जितना उपयोग करेंगे, यह अधिक लाभ देगी।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कृषि और कृषक कल्याण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मोदी के नेतृत्व में किसानों का सम्मान बढ़ा है। उन्होंने रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों के बारे में बताया और कहा कि हमें प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक खेती हमारी प्राचीनतम पद्धति है। यह भूमि का प्राकृतिक स्वरूप बनाए रखती है। इस खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित कर रहा है।

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